क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मध्यप्रदेश में कुछ मंत्रियों समेत 70 विधायकों के टिकट काटेगा बीजेपी आलाकमान

Google Oneindia News

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी को इस बार कई मोर्चों पर लड़ाई लड़नी होगी। प्रदेश में किसान सरकार से नाराज हैं, सवर्ण समाज भी पार्टी के फैसलों से खुश नहीं है और 15 साल से लगातार सत्ता में रहने के चलते एंटी इनकंबेंस भी बड़ा कारण है। पार्टी सभी मोर्चों पर लड़ने के लिए रणनीति तैयार कर रही है। खबर है कि इसी के चलते बीजेपी मध्यप्रदेश में अपने कम से कम 70 मौजूदा विधायकों के टिकटों पर कैंची चलाने की तैयारी में है। इनमें कुछ मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। पार्टी को लग रहा है कि ऐसा करके वो एंटी इनकंबेंस के फैक्टर पर काबू पा सकेगी। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इससे सहमत नहीं हैं।

shivraj cabinet

खराब रिपोर्ट कार्ड वजह
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल राज्य में ऐसे विधायकों को टिकट नहीं देने के पक्ष में हैं जिनका रिपोर्ट कार्ड अच्छा नहीं है और उनके पास चुनाव जीतने की संभावनाएं बहुत ही कम हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में बीजेपी के विधायक की संख्या 165 है और पार्टी 42 प्रतिशत विधायकों का टिकट काटना चाहती है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की पूरे देश में 30 से 40 प्रतिशत उम्मीदवारों को बदल कर नए चेहरे मैदान में उतारने की योजना है।

शिवराज नहीं हैं सहमत

शिवराज नहीं हैं सहमत

लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगता है कि पार्टी का ये कदम राज्य में पार्टी को चुनावी नुकसान पहुंचा सकता है। असल में मुख्यमंत्री इस बात से चिंतित हैं कि पिछले 10-15 सालों में मध्यप्रदेश के कई नेताओं का कद बढ़ा है और ऐसे में उन्हें टिकट नहीं देने से न केवल उस सीट पर बल्कि पार्टी को अन्य सीटों पर भी नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन पार्टी नेतृत्व राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी की घटती संभावना से चिंतित है। सूत्रों का कहना है की इस बार कई मंत्रियों के हारने की संभावना है इसलिए योजना है कि उनकी जगह नए चेहरों को मैदान में उतारा जाए।
ये भी पढ़े:- भीमा-कोरेगांव: गौतम नवलखा की रिहाई के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

‘सपाक्स’ ने खड़ी की परेशानी

‘सपाक्स’ ने खड़ी की परेशानी

ऐसे क्षेत्र हैं जहां बीजेपी परंपरागत रूप से मजबूत रही है लेकिन इस बार वहां से पार्टी के लिए सकारात्मक संकते नहीं हैं। इसके अलावा सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग यानी सपाक्स ने भी अपनी पार्टी बनाकर बीजेपी की नींद उड़ा दी है। सपाक्स ऊपरी जाति के मतदाताओं से अपील कर रही है कि वो बीजेपी से दूरी बनाएं। इसके अलावा बीजेपी के दूसरे नेताओं और खुद मुख्यमंत्री के कुछ बयानों ने भी पार्टी की मुश्किल बढ़ा दी है। राज्य में कई और छोटे दल भी इस बार बीजेपी के खिलाफ एक जुट होकर लड़ने की तैयारी में हैं और कई तो कांग्रेस के साथ भी जा सकते हैं। इस बीच कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि न केवल अगड़ी जातियों के नाराज मतदाता बल्कि अन्य लोग भी नोटा का बटन दबाने के बजाय कांग्रेस के लिए वोट देंगे।

नेताओं के रवैये से नाराज लोग

नेताओं के रवैये से नाराज लोग

एक और चीज जो राज्य में बीजेपी को नुकसान पहुंचा रही है वो इसके खिलाफ विरोध करने वाले लोगों के प्रति इसके नेताओं की प्रतिक्रिया है। जबकि कांग्रेस अपने खिलाफ हो रहे इस तरह के विरोध की अनदेखी कर रही है और नाराज लोगों से सामान्य व्यवहार कर रही है। बीजेपी के मंत्रियों के घरों के बाहर लोगों के प्रदर्शन के बाद कई जगह पर उनके खिलाफ पुलिस ने बल का प्रयोग किया। इससे भी लोग नाराज हैं और कह रहे हैं कि "हमारे वोट आपके लिए नहीं हैं।" ये तमाम घटनाक्रम बीजेपी के लिए मध्यप्रदेश में खतरे की घंटी बजा रहे हैं। यही कारण है की पार्टी इसका मुकाबला करने के लिए सभी संभावित कदमों की तलाश कर रही है। निर्वाचन क्षेत्र को बदलना या फिर नए चेहरों को मौका देने की बात भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

ये भी पढ़े:- सना के बाद 'गुमनाम टीचर' के बयान से विवेक तिवारी मर्डर केस में आया नया मोड़

Comments
English summary
BJP wants to deny ticket to 70 MLAs including some ministers in Madhya Pradesh
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X