पत्रकार का दावा, मनमोहन सिंह,पी चिदंबरम को वित्त मंत्री बनाना चाहती थी बीजेपी
नई दिल्ली: मोदी सरकार लगातार अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर आलोचकों के निशाने पर है। इसी बीच एक पत्रकार ने दावा किया है कि अटल के पहली बार पीएम बनने पर बीजेपी ने वित्त मंत्री पद के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को प्रस्ताव दिया था। लेकिन दोनों ने ये पद ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि अचल बिहारी वाजपेयी के पहले कार्यकाल में ये हुआ था।
बीजेपी मनमोहन, चिदंबरम को बनाना चाहती थी वित्त मंत्री
नेशनल हेराल्ड में लिखे लेख में पत्रकार ने दावा किया है कि शिवसेना के प्रमोद नवलकर इस मामले में अधिक ईमानदार थे। उनका मानना था कि शरद पवार के कद का नेता सीएम पद के लिए नहीं है। प्रमोद महाजन को पीएम पद के लिए अटल बिहारी वाजपेयी पर कोई संदेह नहीं था। लेकिन वो इस बात को लेकर चिंतित थे कि उनकी पार्टी एक उपयुक्त वित्त मंत्री कैसे पाएगी। तब बीजेपी की अन्य दलों पर नजर रहती थी। इसलिए वाजपेयी सरकार ने जब पहली बार 13 दिनों के सरकार बनाई थी, तब बीजेपी ने ऐसी कोशिश की थी।
दोनों ने ठुकराया बीजेपी का ऑफर
बीजेपी की नजर तब नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह पर थी और वे सोचते थे कि वह उनकी पकड़ में आसानी से आ सकते हैं। उन्हें लगा कि वह एक नौकरशाह हैं और कट्टर कांग्रेसी भी नहीं हैं। महाजन को इस काम में तब निराशा हाथ लगी जब उन्होंने पाया कि मनमोहन सिंह इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद बीजेपी की वित्त मंत्री पद के लिए दूसरी पसंद पी चिदंबरम थे, जो उस समय तमिल मनीला कांग्रेस के साथ थे। लेकि महाजन को तब निराशा हुई जब उन्होंने तत्कालीन पीएम वाजपेयी की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ विश्वास मत के दौरान भाषण दिया।
बीजेपी के लिए रही है चुनौती
पत्रकार सुजाता आनंदन का कहना है कि 90 के दशक में जब लग रहा था कि कांग्रेस महराष्ट्र और केंद्र सरकार से बाहर हो जाएगी। तब बीजेपी और शिवसेना के दो नेताओं का मानना था कि पार्टी के पास पर्याप्त प्रतिभा नहीं है।
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