गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्याल के छात्रसंघ चुनाव में ABVP सभी 5 सीटों पर हारी
नई दिल्ली। गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की छात्रसंघ ईकाई एबीवीपी को बड़ा झटका लगा है। यहां हुए चुनाव में एबीवीपी को सभी पांच सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है। छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट संगठन और लेफ्ट संगठन व एनएसयूआई ने जीत दर्ज की है। यहां लेफ्ट व एनएसयूआई ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि एक सीट पर निर्दलीय छात्र ने जीत दर्ज की है। इन सभी पांच सीटों पर एबीवीपी उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा है। बता दें कि यहां सभी पांच सीटों पर चुनाव शुक्रवार को हुआ था।
एबीवीपी का आरोप
बिरसा अंबेडकर फूले स्टूडेंट्स एसोसिएशन, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया और द लेप्ट डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है जबकि एनएसयूआई ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। बता दें कि एनएसयूआई कांग्रेस की छात्र विंग है। यूनिवर्सिटी के 11 में से पांच में स्कूल चुनाव कराए गए थे, जिसमे स्कूल ऑफ लैंग्वेजेस, इंटरनेशनल रिलेसंश, लाइब्रेरी साइंस, इनवॉयरमेंटल और सोशल साइंस में यह चुनाव कराया गया था। वहीं चुनाव में मिली हार के बाद एबीवीपीस ने बयान जारी करके आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने अपने ही नियम का उल्लंघन किया है, विश्वविद्यालय ने लेफ्ट संगठनों को चुनाव जीतने में मदद की है।
विश्वविद्यालय ने लेफ्ट की मदद की
एबीवीपी की ओर से कहा गया है कि नियम के अनुसार विश्वविद्यालय को वोटिंग के दौरान 22 फरवरी को कक्षाएं क्यों बंद करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। विश्वविद्यालय की लैब खुली थी और अन्य काम भी विश्वविद्यालय में चल रहे थे। जिसकी वजह से छात्र वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए। एक और बयान में एबीवीपी के सदस्य हिमालय सिंह झाला ने कहा कि एबीवीपी ने पहले ही सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज् कर ली थी। उन्होंने कहा कि गुजरात के केंद्रीय विश्वविद्यालय में लेफ्ट के गैरकानूनी हस्तक्षेप के बावजूद एबीवीसी ने स्टूडेंट काउंसिल में पांच सीटों पर जीत दर्ज की है।
झाला ने कहा कि लेफ्ट और कांग्रेस के संगठनों ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ छह सीटों पर ही उम्मीदवार खड़ा कर सके। जबकि एबीवीपी ने 10 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा किया और पांच पर जीत दर्ज की।