Arnab Goswami की गिरफ्तारी का भाजपा ने किया विरोध, किसी ने बताया 'शर्मनाक' तो कोई बोला 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कुचली गई'
नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह उनके घर से दो साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उनके साथ दो अन्य लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनपर आरोप है कि इन्होंने 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को 2018 में आत्महत्या के लिए मजबूर किया था। अर्नब की गिरफ्तारी का काफी विरोध किया जा रहा है। इस गिरफ्तारी का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक ने विरोध किया है।
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अमित शाह- लोकतंत्र को शर्मसार किया
अपने ट्वीट में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है, 'कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है। फ्री प्रेस पर हुए इस हमले का विरोध जरूर होना चाहिए।'
धर्मेंद्र प्रधान- प्रजातंत्र में इससे खराब दिन कुछ नहीं
इस मामले में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'प्रजातंत्र में इससे खराब दिन कुछ नहीं हो सकता, वरिष्ठ पत्रकार से ऐसा अमानवीय व्यवहार करने की कड़ी से कड़ी भाषा में निंदा करना भी कम है। ये राजनीतिक उद्देश्य से किया गया है, हम इसकी निंदा करते हैं।'
प्रकाश जावड़ेकर- हम इसकी भर्त्सना करते हैं
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'मुंबई में प्रेस स्वतंत्रता पर जो हमला हुआ है हम उसकी निंदा करते हैं। यह प्रेस के साथ बर्ताव करने का कोई तरीका नहीं है। यह हमें आपातकाल के दिनों की याद दिलाता है, जब प्रेस के साथ ऐसा बर्ताव होता था।' एक अन्य ट्वीट में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।'
स्मृति ईरानी ने फ्री प्रेस के लोगों पर कसा तंज
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, 'फ्री प्रेस के वो लोग जो आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं हुए, अब आप चतुराई से फासीवाद के समर्थन में खड़े हैं। आप उन्हें पसंद नहीं करते होंगे, आप उन्हें स्वीकार नहीं करते होंगे, आप उनके अस्तित्व को तुच्छ समझते होंगे, लेकिन यदि आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन कर रहे हैं। अगर आगे आपका नंबर होगा तो कौन बोलेगा?'
जेपी नड्डा- पत्रकारिता प्रजातंत्र पर भारी आघात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करना यह बताता है कि कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार की मानसिकता किस तरीके से प्रजातंत्र का गला घोटने के लिए उतारू है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और यह पत्रकारिता प्रजातंत्र पर भारी आघात है, जिसके बारे में भारत की जनता को आगे आना चाहिए।' जेपी नड्डा ने इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा, 'प्रत्येक व्यक्ति जो स्वतंत्र प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करता है, वह महाराष्ट्र सरकार द्वारा अर्नब गोस्वामी के उत्पीड़न से गुस्से में है। यह सोनिया और राहुल गांधी द्वारा निर्देशित उन लोगों को चुप कराने का एक और उदाहरण है जो उनसे असहमत हैं। शर्मनाक!' उन्होंन एक अन्य ट्वीट में कहा, 'भारत ने आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी को माफ नहीं किया। भारत ने कभी प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करने के लिए राजीव गांधी को माफ नहीं किया। और अब फिर भारत सोनिया-राहुल गांधी को पत्रकारों को डराने के लिए राज्य सत्ता के इस्तेमाल पर सजा देगा।'
शिवराज सिंह चौहान- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कुचल दी गई
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'महाराष्ट्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कुचल दी गई। कांग्रेस के इशारे पर अर्नब गोस्वामी पर ये बर्बर कार्रवाई की गई। लोकतंत्र को कुचलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने का कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार का ये प्रयास कभी सफल नहीं होगा।' उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र सरकार ने देश के प्रतिष्ठित पत्रकार अर्नब गोस्वामी के विरुद्ध बर्बर कार्रवाई कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का पाप किया है। लोकतंत्र को कुचलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने के कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार के इस कदम की मैं कड़ी निंदा करता हूं।'
राजनाथ सिंह- ये अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ किया गया व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने और विरोध के स्वर का दमन करने की अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है। कांग्रेस को आपातकाल समेत अनेक उदाहरणों का ध्यान करना चाहिए कि प्रेस का दमन करने वाली सरकारों का हश्र बुरा हुआ।'
रविशंकर प्रसाद- गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'वह अलग हो सकता है, बहस कर सकता है और सवाल भी पूछ सकता है। हालांकि पुलिस शक्ति का दुरुपयोग करके अर्नब गोस्वामी के कद के एक पत्रकार को गिरफ्तार करना, क्योंकि वह सवाल पूछ रहा था, कुछ ऐसा है जिसकी हम सभी को निंदा करने की आवश्यकता है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने संस्थानों पर हमलों के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार पर खुलेआम हमला किया, फिर भी वे पूरी तरह से चुप हैं जब महाराष्ट्र में उनकी अपनी सरकार प्रेस की स्वतंत्रता का हनन कर रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 के कठोर आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी।'
डॉक्टर हर्षवर्धन- राहुल गांधी और कांग्रेस अब क्यों चुप हैं?
केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, 'स्वतंत्र मीडिया हमारे लोकतंत्र की विशेषता व संविधान का आदर्श है। इस स्वतंत्रता को दबाने का अर्थ है लोकतंत्र का गला घोंटना। रिपब्लिक के अर्नब गोस्वामी के साथ आज जो कुछ हुआ वो हमें आपातकाल की याद दिलाता है। लोकतंत्र की दुहाई देने वाले राहुल गांधी और कांग्रेस अब क्यों चुप हैं?' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के आपातकाल के काले दिनों से प्रेरित होकर जब प्रेस की स्वतंत्रता का पतन हो रहा था, अर्नब गोस्वामी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई अत्यधिक निंदनीय है। प्रेस की स्वतंत्रता में विश्वास करने वालों को इस फासीवाद से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।'
एस जयशंकर- प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'आपातकाल के शेड्स! अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। जो लोग वास्तव में इस स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं, उन्हें अवश्य बोलना चाहिए!'
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