भाजपा ने कहा- अनुच्छेद 370 हटाना ही जम्मू और कश्मीर की समस्या का हल
श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर की स्वायत्ता को लेकर छिड़ी बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी टिप्पणी की है। भाजपा की जम्मू और कश्मीर इकाई ने कहा है कि कश्मीर की दशकों पुरानी समस्या का समाधान बताया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने कहा है कि अनुच्छेद 370 को हटाना ही इस समस्या का एकमात्र हल है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म कर जम्मू और कश्मीर को दूसरे राज्यों के बराबर लान ही इस मुद्दे का एकमात्र हल है। गुप्ता ने कहा इससे अलगववादियों और पाकिस्तान को करारा जवाब मिलेगा। भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने से जम्मू और कश्मीर के विकास का रास्ता खुलेगा।
चिदंबरम के बयान से उठी बात
गौरतलब है कि बीते दिनों पी चिदंबरम ने शनिवार को गुजरात के राजकोट में अर्थव्यवस्था पर रखे गए एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि जब जम्मू और कश्मीर के लोग आजादी की मांग करते हैं तो इसका मतलब है कि वो स्वायत्तता चाहते हैं। वह बोले- जितना मैं कश्मीर को समझ पाया हूं, उससे यह निष्कर्ष निकलता है कि वहां के लोगों को स्वायत्तता चाहिए।
चिंदबरम ने कहा था कि
चिंदबरम ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर को लोगों को और अधिक अधिकार देने की जरूरत है और कुछ हिस्सों को स्वायत्तता भी दिए जाने पर विचार किया जाना चाहिए। वह बोले कि ये भारत का हिस्सा बना रहेगा, लेकिन आर्टिकल 370 के अनुसार उन्हें और ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है।
जानें क्या है अनुच्छेद 370
अनुच्छेद 370 संविधान का विशेष अनुच्छेद है। इसके जरिए जम्मू और कश्मीर राज्य को संपूर्ण भारते में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष दर्जा मिला हुआ है। देश को आजादी मिलने के बाद से लेकर अब तक यह अनुच्छेद काफी विवादित है। अमूमन कई दल इसे समाप्त करने की मांग करते हैं।
ये है अनुच्छेद 370 के नियम
- अनुच्छेद 370 के तहत जम्मूऔरकश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
- जम्मू और कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है।
- जम्मू और कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
- जम्मू और कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है।
- भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू और कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
- भारत की संसद को जम्मू और कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती है।।
- जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जायेगी।
- यदि वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू - कश्मीर की नागरिकता मिल जायेगी।
ये भी हैं नियम