महाराष्ट्र और हरियाणा राज्यों में भाजपा के दोनों निवर्तमान मुख्यमंत्री विफल रहे?
बेंगलुरू। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों के रूझानों से स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी को पिछले विधानसभा में मिले जनादेश जैसा परिणाम नहीं मिलने वाला है। सुबह 10 बजे तक के रूझानों में महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना क्रमशः 91 और 53 सीटों पर लीड कर रहे हैं और अगर रूझान नतीजों में तब्दील होते है तो निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को लेकर बीजेपी को शिवसेना के साथ समझौता करना पड़ सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है। महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन के मुकाबले यूपीए गठबंधन ने रूझानों में बढ़िया प्रदर्शन करती दिख रही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस जहां 40 सीटों पर लीड कर रही है। वहीं, एनसीपी 50 सीटों पर लीड कर रही है।
बीजेपी के लिए हरियाणा के रूझान काफी हैरान करने वाले हैं, जहां मनोहर लाल खट्टर के चेहरे के साथ दोबारा सत्ता का स्वाद चखने की सोच रही बीजेपी को धक्का लगता दिख रहा है। ताजा रूझानों मे हरियाणा में बीजेपी 38 सीटों पर लीड कर रही है जबकि कांग्रेस 32 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, जेजेपी 11 सीटों पर आगे चल रही है। अगर रूझान परिणाम में बदलते हैं तो बीजेपी को हरियाणा में सरकार बनाने के लिए जेजेपी के साथ गठबंधन करना होगा। यही कारण है कि जेजेपी से बात करने के लिए बीजेपी ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और एनडीए सहयोगी प्रकाश सिंह बादल से जेजेपी से बात करने के लिए लगा दिया है।
वहीं, रूझानों में दूसरे नंबर पर चल रही कांग्रेस ने परिणामों से पहले ही जेजेपी चीफ दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री की सीट ऑफर करके कर्नाटक दोहराने की कोशिश की है। कर्नाटक में दूसरे नंबर रही कांग्रेस ने जेडीएस के साथ चुनाव बाद गठबंधन करके सरकार बना ली थी जबकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणामों में बीजेपी नंबर एक पार्टी बनकर उभरी थी। यह अलग बात है कि अब कर्नाटक में बीजेपी सत्ता में हैं। कांग्रेस का यह दांव एक बार बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है अगर दुष्यंत चौटाला कांग्रेस के ऑफर को कुबूल कर लेते हैं।
माना जा रहा है कि अगर रूझान परिणाम में तब्दील होते हैं तो हरियाणा में दुष्यत चौटाला के पास ही सत्ता की चाभी रहेगा। दुष्यंत चौटाला के लिए कांग्रेस इसलिए पहली च्वाइस हो सकती है, क्योंकि कांग्रेस के साथ गठबंधन करके दुष्यंत चौटाल हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर पहुंच सकते हैं, लेकिन बीजेपी के साथ दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम से अधिक डिमांड नहीं कर पाएंगे। हालांकि बीजेपी को हरियाणा में सरकार बनाने के लिए 7-8 सीटों की दरकार है, क्योंकि ताजा रूझानों में हरियाणा में 6 निर्दलीय लीड कर रहे हैं और आईएनएलडी 2 सीटों पर लीड कर रही है, जहां से बीजेपी का काम बन सकता है।
निः संदेह ताजा रूझान बीजेपी के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि दोनों राज्यों में बीजेपी को नुकसान हुआ है और दोनों ही राज्यों में जनता ने निवर्तमान मुख्यमंत्रियों के खिलाफ वोट दिया है। महाराष्ट्र में शिवसेना को बीजेपी की तुलना में सीटों का फायदा होता दिख रहा है और अगर अंतिम परिणामों में यही आकंड़ा रहा तो निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को लेकर बीजेपी को शिवसेना से समझौता करना पड़ सकता है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय रावत का ताजा बयान इसकी पुष्टि भी कर रहा है।
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