भाजपा का 'Operation lotus' मध्यप्रदेश में क्या अभी भी खिला पाएगा मुरझाया कमल?
Madhya Pradesh CM Kamal Nath may be claiming that his government is safe, but BJP's Operation Lotus may be successful in taking advantage of the scandal in the Congress.know how? भाजपा का 'आपरेशन लोटस' मध्यप्रदेश में फिर खिला सकता हैं मुरझाया कमल, वहां बन सकती हैं भाजपा सरकार?
बेंगलुरु। क्या मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार खतरें में हैं? सियासी गलियारें में बुधवार को सुबह से चर्चा गरमाई हैं। मंगलवार की रात मध्य प्रदेश के 10 विधायकों के गुरुग्राम के एक होटल में आने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी घमासाम जारी है। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है, वहीं भाजपा ने इसे इनकार कर दिया है। ये हाई वोल्टेज ड्रामा मंगलवार आधी रात से ही जारी है। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर 10 विधायकों को गुरुग्राम के एक लग्जरी होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया।
इन दस विधायकों में कांग्रेस के चार, तीन निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा का विधायक है। हालांकि कांग्रेस इनमें से छह विधायकों को वापस लाने में कायमाब रही, लेकिन चार विधायक अभी भी भाजपा के कब्जे में हैं ऐसे मे सवाल उठता हैं कि क्या अभी भी मध्यप्रदेश में भाजपा का आपरेशन कमल क्या कोई गुल खिला पाएगा, क्या वहां फिर बन पाएगी भाजपा सरकार? आइए जानते हैं क्या है कोई संभावना ....
कांग्रेस में आपस में मची हैं मारा-मार
गौरलतब है कि कांग्रेस द्वारा सरकार गिराने की साजिश के आरोपों को भाजपा ने खारिज कर चुकी हैं। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'दिग्विजय सिंह झूठ बोलकर सनसनी फैलाने के लिए जाने जाते रहे हैं। चौहान ने कहा, "शायद उनका काम पूरा नहीं हुआ और वह कमलनाथ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उसके दिमाग में क्या चलता है, यह कोई नहीं जानता। वह हमेशा कोई न कोई चाल चलते रहते हैं। कांग्रेस में इतने गुट हैं कि आपस में ही मारा-मार मची हुई है। आरोप हम पर लगाते हैं इसका अर्थ क्या है?
खतरे में आई कमलनाथ सरकार का ये कदम बढ़ा सकता हैं भाजपा की मुश्किल!
भाजपा ने अभी नहीं मारी हार
हालांकि उन्होने साथ में ये भी कि बीजेपी नहीं चाहती कमलनाथ सरकार गिरे, लेकिन अगर सरकार खुद ब खुद गिर रही है तो हम क्या करें। इससे ये कयास लगाया जा रहा हैं कि भाजपा ने अभी भी हार नहीं मानी हैं कहीं न कही से वो आपरेशन लोटस के द्वारा दोबारा सत्ता में आने के लिए कांग्रेस में मची मारा मारी का लाभ उठाकर सत्ता हथिया सकती हैं।
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इस निर्दलीय विधायक ने भी दिए ये संकेत
कांग्रेस के इस आरोप के बाद से मध्य प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच कमलनाथ सरकार में मंत्री और निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने बागी तेवर दिखाए हैं। प्रदीप जायसवाल ने कहा है कि 'मैं तब तक कमलनाथ की सरकार के साथ हूं जब तक यह है। यदि भविष्य में सरकार गिरती है तो मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की इच्छा और उनके विकास को देखते हुए मेरे विकल्प खुले रहेंगे। ये वहीं निर्दलीय चुनाव जीतने वाले विधायक प्रदीप जायसवाल हैं जिन्होंने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया है। मालूम हो कि कमलनाथ सरकार ने सत्ता पर काबिज होने के बाद से कई बार सरकार में शामिल निर्दलीय विधायक समर्थन वापस लेने के लिए कमलनाथ सरकार को धमका चुके हैं। अगर भाजपा से इन्हें ठीक-ठीक ऑफर मिला तो कमलनाथ सरकार में शामिल ये निर्दलीय विधायक कांग्रेस को ठेंगा दिखा सकते हैं।
भाजपा खरीद-फरोख्त करने की कर रही कोशिश !
गौरतलब हैं कि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने दो दिन पहले ही कहा था कि भाजपा राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए उनकी पार्टी के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश कर रही है। दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा 25-35 करोड़ रुपये देकर कांग्रेस के विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
चार विधायक अभी भी भाजपा के कब्जे में हैं
बता दें मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार में सियासी उठापटक लगातार जारी है। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह मोर्चा संभाले हुए हैं। कांग्रेस छह विधायकों को वापस लाने में कामयाब रही, लेकिन चार विधायक अभी भी बीजेपी के कब्जे में हैं। कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अभी भी पार्टी की पकड़ से दूर बीजेपी के कब्जे में हैं।
नाराज चल रहे विधायकों पर है भाजपा की नजर
गौरतलब है कि फिलहाल, जिन छह विधायकों के नाम सामने आए हैं। उनमें 3 कांग्रेस और 2 बसपा और एक निर्दलीय विधायक है। इनमें 3 दिग्विजय सिंह के करीबी हैं, बाकी के 2 विधायक मंत्री नहीं बनाए जाने से मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं, एक विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी है। पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि कमलनाथ सरकार के कुल 14 विधायक नाराज चल रहे हैं, जिन पर भाजपा की नजर है।
जानें सरकार बनाने के लिए भाजपा को कितने चाहिए विधायक
क्या है विधानसभा का गणित संख्याबल की बात करें तो मध्य प्रदेश विधानसभा में इस वक्त कुल 228 विधायक हैं। विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 107 विधायक हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक हैं जबकि समाजवादी पार्टी से एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। फिलहाल, जादुई आंकड़ा 115 का है। इस वक्त कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। कहते हैं राजनीति में संभावनाएं कभी कांग्रेस का दावा है कि उन्होंने 10 में से 6 विधायकों को गुरुग्राम से निकाल लिया है। कहते हैं राजनीति में ऊंट किस ओर मुंह करके बैठेगा यह निर्धारित नहीं होता इसलिए भले ही कमनाथ सरकार सरकार को अब कोई भी खतरा न होने की बात कर रही हैं लेकिन भाजपा को सरकार बनाने के लिए आठ विधायकों की जरुरत हैं इसके लिए अभी से ये कह देना कि आपरेशन लोटस फेल हो चुका हैं इसके लिए बहुत जल्दी होगी।