दिल्ली चुनाव जीतने के लिए BJP का मेगा प्लान, जानिए क्या है रणनीति?
नई दिल्ली- इस महीने की शुरुआत में जब दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान हुआ था तो लग रहा था कि मुकाबला एक तरफा होने वाला है। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के मुकाबले बीजेपी या कांग्रेस कहीं खड़ी दिखाई नहीं दे रही थी। लेकिन, अब जब चुनाव में करीब दस दिन ही रह गए हैं, चुनावी फिजा पूरी तरह से बदली-बदली महसूस हो रही है। शुरू से बचते रहने की कोशिशों के बावजूद अरविंद केजरीवाल को बीजेपी के एजेंडे पर मबूरन आना पड़ा है। भाजपा शाहीन बाग और शरजील इमाम के मुद्दे पर बेहद आक्रामक हो गई है। अपने इस एजेंडे को वोट में तब्दील करने के लिए पार्टी कोई कोर-कसर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। इसके लिए उसके नीति-निर्धारकों ने एक मेगा प्लान तैयार किया है और हर हाल में वह अपने इस लय-ताल को मंद नहीं पड़ने देना चाह रही है। दिल्ली चुनाव में बीजेपी की बातें वोटरों तक सही अंदाज में पहुंचाने के लिए उसने अपने हर अदना से लेकर आला नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है।
दिल्ली में 5,000 छोटी-बड़ी सभाएं करेगी बीजेपी
दिल्ली विधानसभा चुनाव को भाजपा राष्ट्रवाद, शाहीन बाग और प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही लड़ेगी यह पूरा तरह साफ हो चुका है। शाहीन बाग के मुद्दे ने उसके कैडरों में जोश भी बढ़ा दिया है और उसे लग रहा है इस मसले की वजह से दिल्ली चुनाव का एजेंडा ही बदल चुका है। अब पार्टी इन मुद्दों के दम पर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक इसके लिए भाजपा राजधानी में 5,000 छोटी-बड़ी चुनावी सभाएं करने जा रही है। इन सभाओं को केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के सैकड़ों सांसद संबोधित करेंगे। इसके अलावा मतदान का वक्त करीब आने पर डोर टू डोर कैंपेन करने की भी तैयारी है। जानकारी के मुताबिक शाहीन बाग विवाद की गर्मी बरकरार रखने के लिए पार्टी नेताओं को अपनी बात वोटरों तक पहुंचाने के लिए कुछ लाइनें भी बताई गई हैं। मसलन, 'मोदीजी ने बालाकोट एयरस्ट्राइक संभव कर दिखाया, लेकिन इस पर सवाल किसने उठाया? क्या केजरीवाल ने सबूत नहीं मांगे? और राम मंदिर का विरोध किसने किया? कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने इसे कोर्ट में लटकाने की कोशिश की। लेकिन, बीजेपी की सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनवा रही है।'
पीएम मोदी की भी हो सकती हैं दो रैलियां
दिल्ली चुनाव जीतने को बीजेपी कितनी अहमियत दे रही है इसका अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि चुनाव की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक मेगा रैली होने के बावजूद भाजपा आने वाले दिनों में उनकी दो बड़ी रैलियां आयोजित करने की सोच रही है। हालांकि, इन रैलियों के बारे में कोई विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है कि ये कहां होंगी और कब होंगी। जबकि, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का तो दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर रैली या रोड शो करने का कार्यक्रम है। शाह तो 32 सभाएं कर भी चुके हैं और बचे हुए दिनों में 38 और सभाएं करने वाले हैं। नड्डा का भी सभी 70 सीटों पर कार्यक्रम तय किया गया है।
एक हफ्ते तक बड़े नेता डालेंगे दिल्ली में डेरा
खबरों के मुताबिक बीजेपी के बड़े नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से कहा गया है कि वह दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए एक हफ्ते का समय निकालें और अपना पूरा फोकस दिल्ली चुनाव पर करें। इन नेताओं से 200 सभाएं तक कराने की योजना है। जानकारी के मुताबिक प्रदेशों के सीएम और डिप्टी सीएम से उम्मीद जताई गई है कि वे अपने राज्यों के निवासियों के बहुलता वाले इलाकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और वहीं पर जाकर भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे।
शाहीन बाग ने दिलचस्प बनाया दिल्ली का मुकाबला
दिल्ली चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो माइक्रो मैनेजमेंट का मेगा प्लान तैयार किया है उसमें पार्टी के 278 सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी ने दिल्ली चुनाव के लिए जो 5,000 छोटी-बड़ी चुनावी संभाओं की तैयारियां की हैं, उनमें बड़े नेताओं की बड़ी रैलियां, मेगा रोड शो, नुक्कड़ सभाएं और नुक्कड़ नाटकों का मंचन भी शामिल है। इसके लिए पार्टी की ओर से सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों और संगठन से जुड़े दिग्गज नेताओं की पूरी लिस्ट तैयार की गई है। दरअसल, शुरू में केजरीवाल से मुकाबले में पिछड़ती भाजपा को अचानक शाहीन बाग और शरजील इमाम ने मुद्दा थमा दिया है, जिससे दिल्ली चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है।
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