जिम इंस्ट्रक्टर बिप्लब को मिलेगी बीजेपी की तरफ से त्रिपुरा की जिम्मेदारी, बनेंगे राज्य के युवा सीएम!
बीजेपी के युवा नेता बिप्लब देव को साल 2016 में बीजेपी ने त्रिपुरा राज्य के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनका जन्म त्रिपुरा की उदयपुर जिले में हुआ था जिसे आज गोमती जिले के नाम से जाना जाता है। स्कूली पढ़ाई त्रिपुरा में हुई। आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली आ गए।
अगरतला। साल 2018 के पहले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने एक बार फिर से एतिहासिक जीत दर्ज की है। बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट के कुछ और राज्यों में अपना खाता खोला है और त्रिपुरा में उसे एतिहासिक जीत मिली है। यहां की जीत को पार्टी के लिए एक बड़ी जीत करार दिया जा रहा है। पार्टी ने यहां पर पिछले 25 वर्षों से शासन कर रहे लेफ्ट को सत्ता से बाहर कर दिया है और बतौर सीएम माणिक सरकार की कुर्सी भी छीन ली है। पार्टी इस जीत के जश्न में डूबी है और साथ ही अब मुख्यमंत्री के नाम पर भी सबकी नजरें टिकी हैं। माना जा रहा है कि आरएसएस के कद्दावर नेता बिप्लव कुमार देब के नाम का ऐलान बीजेपी त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर कर सकती है। बीजेपी, त्रिपुरा में अकेले दम पर सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। आइए आपको बताते हैं कि बिप्लब देब कौन हैं और किस तरह से पार्टी के साथ पिछले कई वर्षों से जुड़े हैं।
एक जिम इंस्ट्रक्टर रहे हैं बिप्लब
बीजेपी के युवा नेता बिप्लब देव को साल 2016 में बीजेपी ने त्रिपुरा राज्य के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनका जन्म त्रिपुरा की उदयपुर जिले में हुआ था जिसे आज गोमती जिले के नाम से जाना जाता है। स्कूली पढ़ाई लिखाई त्रिपुरा में हुई। इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई त्रिपुरा यूनिवर्सिटी से करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए। दिल्ली में उन्होंने प्रोफेशनल जिम इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी काम किया और फिर 15 वर्ष बाद त्रिपुरा वापस लौट गए। उनकी शादी एक पंजाबी लड़की से हुई और वह एक बेटे और एक बेटी के पिता हैं।
गोविंदाचार्य के करीब
बिप्लव करीब सात वर्षों तक राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के वॉलेंटियर रह चुके हैं और उन्होंने गोविंदाचार्य के साथ काफी करीब से काम किया है। इन चुनावों से पहले वह त्रिपुरा के पिछले इलाकों में हुए चुनावों में भी हिस्सा ले चुके हैं। आठ अगस्त 2017 को बिप्लब ने कांग्रेस के विधायक सुदीप रॉय बर्मन और पांच और विधायकों को बीजेपी में शामिल करने में बड़ी भूमिका अदा की थी। इसके बाद उन्हें विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीजेपी ने जिन उम्मीदों के साथ लेफ्ट के 25 वर्षों के शासन को त्रिपुरा में खत्म करने की जिम्मेदारी देब को दी, उन्होंने उसे सही तरीके से निभाया।
लाखों लोगों आते थे बिप्लब को सुनने
बिप्लब ने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के बनमालीपुर क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस के विधायक गोपाल रॉय और लेफ्टे के युवा नेता अमोल चक्रवर्ती से थी। बिप्लब ने दरवाजे-दरवाजे जाकर कैंपेन किया और इस कैंपेन का नतीजा आज सामने है। उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील देओधर भी कैंपेनिंग का हिस्सा थे। बिल्पब की रैलियों में लाखों लोग उमड़ते थे और उन्हें सुनते थे।
पीएम मोदी राजनीति गुरु
बिप्लब देब ने त्रिपुरा में मौजूद युवा रोजगार के मुद्दे को जनता के बीच रखा। उन्होंने जनता से वादा किया था कि अगर वह चुनाव जीते तो फिर वह त्रिपुरा के सभी कर्मियों के लिए सांतवें वित्त आयोग को मंजूरी दिलवाएंगे। उन्होंने कैंपेनिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और उन्हें अपना राजनीति गुरु करार दिया। बिप्लब के लिए कैंपेनिंग करने बीजेपी के बड़े नेता त्रिपुरा तक पहुंचे थे।