विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब मनोबल बढ़ाने में जुटी बीजेपी, सांसदों के साथ बैठक कर रहे अमित शाह
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अब 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह अब पार्टी के सांसदों का मनोबल बढ़ाने के लिए संवाद करना शुरू कर दिया है। अगल-अलग स्टेट के सांसद के साथ बैठक 20 दिसंबर से शुरू हुई है जो कि 4 जनवरी तक चलेगी। अभी तक हुई कुछ बैठकों में अमित शाह ने सांसदों से कहा है कि वे हार से निराश न हों। अभी तक शाह हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे राज्यों के सांसदों से मिल चुके हैं।
मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के निर्देश
2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सांसदों के साथ बैठक में सभी लोग केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा कैडर का मनोबल बढ़ाने का संदेश भी दिया गया है। इस बैठकों में सांसदों को खुलकर बात करने की अनुमति दी गई इसके अलावा वो अपना सुझाव भी दे सकते हैं।
नेताओं ने कहा देर हो गई
हालांकि बीजेपी अध्यक्ष का सांसदों के साथ मुलाकात की इस प्रक्रिया को लेकर कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। भाजपा के एक वरिष्ठ सांसद ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि बैठक में हमें बोलने की अनुमति दी गई है। ताकि आगे चलकर हम यह न कह सके कि हमें सुना नहीं गया था। लेकिन सांसदों के साथ संवाद की यह प्रक्रिया बहुत देर से शुरू हुई है और मुझे लगता है इसका कोई मतलब नहीं होगा।
साढ़े चार साल तक के केवल सुनते रहे सांसद
वही एक दूसरे सांसद ने कहा कि शाह के साथ हुई बैठक में केवल कुछ सांसदों को अपनी बात रखने का मौका मिला। क्योंकि इससे पहले साढें चार साल तक मूक श्रोताओं की भूमिका निभाई और लगभग सभी बैठकों में पार्टी प्रमुख अमित शाह ही मुख्य वक्ता रहे। इसमें उनको पीएम मोदी का भी साथ मिला। सांसदों के साथ बैठक में कहा गया है कि वे जनता के बीच जाएं और जीएसटी बिल, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना, अटल आवास योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जन धन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, स्वच्छ भारत अभियान और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के बारे में लोगों का बताए।