कांग्रेस 2019 के चुनाव तक राम मंदिर मामले की सुनवाई क्यों टालना चाहती है: अमित शाह
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सुनवाई को जुलाई 2019 तक टाल दिया जाए, क्योंकि मामला राजनीतिक हो चुका है। कपिल सिब्बल की इस दलील पर भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने सवाल उठाए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस पर शाह ने कहा है कि कांग्रेस इस मामले पर सुनवाई क्यों टालना चाहती है, कपिल सिब्बल की बात पर शाह ने राहुल गांधी से जवाब मांगा है। कपिल केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील हैं लेकिन कांग्रेस नेता होने की वजह से भाजपा ने इसे कांग्रेस से जोड़ते हुए हमला बोला है।
राहुल गांधी से मांगा अमित शाह ने जवाब
अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं लेकिन कपिल सिब्बल राम मंदिर की सुनवाई ही नहीं चाहते हैं। ऐसे में राहुल को इस पर अपना पक्ष साफ करना चाहिए। शाह ने कहा कि देश अयोध्या में भव्य राम मंदिर चाहता है, इसके लिए जरूरी है कि रोज सुनवाई हो और मंदिर बनने का रास्ता साफ हो। अमित शाह ने कपिल सिब्बल की दलीलों पर सीधे-सीधे राहुल गांधी से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर राहुल देश को जवाब दें कि कपिल सिब्बल मामले को लटकाना क्यों चाहते हैं।
कोर्ट में ये बोले सिब्बल
कपिल सिब्बल और राजीव धवन की ओर से कोर्ट में कहा गया कि इस मामले की जल्द सुनवाई सुब्रमण्यम स्वामी की अपील के बाद शुरू हुई, जो कि इस मामले में कोई पार्टी भी नहीं हैं। सिब्बल बोले कि राम मंदिर का निर्माण बीजेपी के 2014 के घोषणापत्र में शामिल है, ये मामला राजनीतिक हो चुका है। देश का माहौल अभी ऐसा नहीं है कि इस मामले की सुनवाई सही तरीके से हो सके। कपिल सिब्बल ने मांग की है कि मामले की सुनवाई 5 या 7 जजों बेंच को 2019 के आम चुनाव के बाद करनी चाहिए। हालांकि सिब्बल की दलील को कोर्ट की कार्यवाही में शामिल नहीं किया गया है।
आठ फरवरी को अगली सुनवाई
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि अच्छी खबर ये है कि हमने जो फॉर्मूला प्रपोज्ड किया था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने रिकॉर्ड में ले लिया है मालूम हो कि शिया वक्फ बोर्ड ने कहा था कि विवादित जगह पर राम मंदिर बनाया जाए और मस्जिद लखनऊ में बनाई जाए। फिलहाल इस बहस के बाद देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले की सुनवाई अब 8 फरवरी 2018 के लिए टाल दिया है। आपको बता दें कि इस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के 7 साल बाद यह सुनवाई हो रही है। बुधवार को बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के 25 साल भी पूरे हो जाएंगे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी 2018 को होगी।