सपा-बसपा के गठबंधन से निपटने के लिए यूपी में भाजपा का मेगा प्लान
लखनऊ। यूपी में सपा-बसपा के बीच गठबंधन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति को बनाना शुरू कर दियाहै। भाजपा प्रदेश में किसानों के जरिए सपा-बसपा के गठबंधन के व्यूह को भेदने की कोशिश कर रही है। भाजपा प्रदेश में 2.44 करोड़ किसानों को अपनी पार्टी के पक्ष में लाने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में भाजपा प्रदेश में ऐसे फैसले ले सकती है जो किसानों के लिए काफी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
यूरिया के दाम में बढ़ोती
जानकारी के अनुसार किसानों के हित में भाजपा सरकार इस तरह की योजना लाने की तैयारी में जिससे कि प्रदेश में हवा उसके पक्ष में हो सके। इसके साथ ही पुरानी कृषि योजनाओं को फिर से सही तरीके से लागू करने पर भाजपा सरकार का जोर है। सपा-बसपा के बीच गठबंधन के ऐलान के बाद योगी सरकार ने यूरिया नीति में बदलाव किया, जिसने भाजपा के रुख को पूरी तरह से साफ कर दिया है। इस नई नीति के साथ ही यूरिया के दाम 33 से 35 रुपए प्रति बोरी कर दिया है जोकि पहले 40 रुपए प्रति बैग है। ऐसे में भाजपा ने अपने इस फैसले से साफ कर दिया है कि वह सपा-बसपा के गठबंधन के सामने आत्मसमर्पण करने के मूड में नहीं है।
इन राज्यों पर पार्टी की नजर
भाजपा सरकार की तरह से यह एकमात्र राहत नहीं है जो किसानों को दी गई है, इसके अलावा कई और लाभ भी किसानों को दिए गए हैं। कृषि को मनरेगा के साथ जोड़ने के मुद्दे को भी हरी झंडी देने की तैयारी की जा रही है। यह पिछले काफी समय से लंबित था। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों की एक कमेटी का गठन किया गया है, जिससे यूपी सहित तेलंगाना में भी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की रणनीति को बनाया जा सके।
किसानों को अधिक से अधिक लाभ
अगर योगी सरकार के फैसले को लागू किया जाता है तो किसानों की फसल उत्पादन में लगने वाली लागत में 25 फीसदी की कमी हो सकती है। लोकसभा चुनाव के समय ही रबी की फसल गेंहू के दाम घोषित किए जाएंगे। ऐसे में किसानों को अधिक से अधिक लाभ देने के लिए सरकार अपनी नीति में बदलाव की योजना बना रही है। साथ ही किसानों को अधिक से अधिक लाभ देने के लिए एमएसपी को भी बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही सरकार कुछ और योजनाओं का भी ऐलान पूर्वांचल और बुंदेलखंड के लिए कर सकती है।
इसे भी पढ़ें- यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन के बाद RLD सहित छोटे दल बनेंगे चुनौती