मणिपुर में सरकार बचाने के लिए भाजपा ने फिर से शुरू की कवायद
नई दिल्ली। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता के बीच बातचीत शुरू कर दी है। दोनों ही दलों ने मंगलवार को सरकार को स्थिर रखने को लेकर बात की है। मेघायल के मुख्यमंत्री, एनपीपी के अध्यक्ष कोनराड संगमा और असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा इंफाल में दूसरी बार मुलाकात की ताकि प्रदेश में कांग्रेस और सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट की सरकार को बनने से रोका जा सके। भाजपा और एनपीपी के नेताओं ने विधायकों के साथ कई दौर की बैठकें की, हालांकि बैठक में क्या नतीजा निकला यह अभी साफ नहीं हो सका है।
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जानकारी
के
अनुसार
बैठक
के
दौरान
पुख्ता
हल
नहीं
निकल
सका
जिसके
बाद
एनपीपी
के
सभी
विधायक,
इनके
मुखिया
युमनाम
जॉयकुमार
सिंह,
एल
जयंतकुमार,
लेतपो
हाओकिप
और
एन
कायिसी
चार्टर्ड
विमान
से
दिल्ली
रवाना
हुए।
वहीं
हिमंत
शर्मा
ने
कहा
ने
कहा
कि
कुछ
मुद्दे
हैं
इस
वजह
से
ये
लोग
दिल्ली
गए
हैं,
ताकि
दूसरे
दौर
की
बैठक
हो
सके।
बता
दें
देश
के
उत्तर
पूर्व
में
59
विधानसभा
सीटों
वाले
राज्य
मणिपुर
में
एनडी
सरकार
मुश्किल
में
घिर
चुकी
हैं।
राज्य
के
डिप्टी
सीएम
जॉयकुमार
सिंह
समेत
कुल
नौ
विधायकों
ने
इस्तीफे
दे
दिया
था।
इनमें
से
3
बीजेपी
विधायकों
ने
इस्तीफा
देकर
कांग्रेस
पार्टी
में
शामिल
हो
गए।
बता दें कि 18 जून को मणिपुर कांग्रेस विधायक दल के नेता ओकराम इबोबी सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सीएम एन बीरेन सिंह की सरकार के खिलाफ 'नो कॉन्फिडेंस मोशन' पर एक प्रस्ताव को लाने के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया था। इतना ही नहीं सरकार बनाने के लिए नवगठित सेक्युलर प्रोग्रेस फ्रंट को आमंत्रित करने की बात कही थी। मणिपुर के पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीएलपी नेता ओकराम इबोबी सिंह ने ये भी कहा कि कांग्रेस का कोई नेता पार्टी नहीं छोड़ रहा है, सभी पार्टी के साथ हैं।
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