'हिंदी' पर अमित शाह के बयान के बाद तमिलनाडु में भाजपा बैकफुट पर
नई दिल्ली, 12 मार्च। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के हिंदी भाषा को लेकर दिए बयान पर तमिलनाडु में भाजपा बैकफुट नजर आ रही है। तमिनाडु बीजेपी प्रमुख ने अब कहा है की अगर तमिल हमारे देश में एक संपर्क भाषा होगी तो भाजपा को गर्व होगा। बीजेपी की ओर से यह बयान विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK) और द्रविड़ कड़गम (DK) की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री के बयान के बाद आया है।
हाल ही में नई दिल्ली में संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) का एक बयान आया। जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदी को अंग्रेजी भाषा के विकल्प में चुना जाना चाहिए। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की ओर से जारी बयान में यह कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने समिति को सुझाव दिया है कि अब हिंदी शब्दकोश का संशोधन करने का समय है। केंद्रीय कैबिनेट का 70 फीसदी एजेंडा अब हिंदी में तैयार हो चुका है। जिसके बाद अब देशभर में हिंदी भाषा (Hindi Language) को लेकर लेकर बवाल मचा हुआ है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह के एक बयान को लेकर तमिल भाषी क्षेत्र में कुछ दिनों पूर्व पुलिस को अलर्ट पर रखा गया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एम.के.अलागिरी ने शाह के बयान से असहमति जताई थी। तमिलनाडु सरकार की ओर से यह कहा गया था कि केंद्र सरकार की ओर से भाषा को लेकर आए बयान के बाद राज्य के कई इलाकों में हिंसा भड़कने की आशंका है।इसी का हवाला देते हुए राज्य के कुछ इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
वहीं राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के अनुसार दलित संगठन विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK) और द्रविड़ कड़गम (DK) की ओर से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। वीसीके के संस्थापक नेता व संसद सदस्य थोल थिरुमावलवन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान को भाजपा के फासीवादी मंसूबों का हिस्सा बताया था। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तमिलनाडु के लोग राज्य में हिंदी भाषा को थोपने नहीं देंगे। थोल थिरुमावलवन ने कहा कि वे केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी तमिलनाडु के इतिहास और राज्य में हिंदी भाषा को थोपने के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों को नहीं जानते हैं। इससे जनता में दरार पैदा होगी और विभाजन होगा। उन्होंने कहा था कि भाजपा को ऐसा करने से बचना चाहिए। थिरुमावलवन ने केंद्रीय गृहमंत्री के बयान को भड़काऊ बताते हुए विरोध कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली थी। जबकि द्रविड़ कड़गम (डीके) नेता के. वीरमणि ने यह भी कहा कि संगठन तमिलनाडु के लोगों पर हिंदी थोपने के केंद्र सरकार के मनमाने कदम का विरोध किया जाएगा।
वहीं अब हिंदी भाषा को लेकर इस गृह मंत्री के इस बयान के बाद तमिलनाडु में भाजपा बैकफुट पर नजर आई। मंगलवार को तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि बीजेपी राज्य में हिंदी थोपने की अनुमति नहीं देगी। अगर तमिल हमारे देश में एक संपर्क की भाषा होगी तो भाजपा को गर्व होगा। अगर हम इसे चाहते हैं तो तमिलनाडु सरकार को अन्य सभी राज्यों को लिखना चाहिए। अन्य राज्यों में 10 तमिल स्कूलों इसका फीडबैक लेना चाहिए। अन्नमलाई ने कहा कि अगर तमिलनाडु सरकार ऐसा करती है तो भाजपा इसका स्वागत करेगी।