मध्य प्रदेश में midday meal में अंडे देने की योजना पर भड़की BJP- कहीं नरभक्षी न बन जाएं बच्चे!
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नई दिल्ली- मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिडडे मील में अंडे परोसने की मध्य प्रदेश सरकार की योजना को लेकर भारी विवाद छिड़ गया है। एक तो स्कूलों में भोजन सप्लाई करने वाली संस्था इसके लिए तैयार नहीं दिख रही है, दूसरी तरफ बीजेपी ने इस पर सख्त ऐतराज जता दिया है। भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर बच्चों पर जबरन मांसाहार थोपने का आरोप लगाया है। बीजेपी के नेता गोपाल भार्गव ने यहां तक आशंका जता दी है कि अगर बच्चों को बचपन से इस तरह का मांसाहारी भोजन कराया जाएगा तो वे नरभक्षी तक बन सकते हैं। भाजपा ने इसे भारतीय और सनातनी संस्कारों के खिलाफ भी बताया है। दूसरी तरफ स्कूलों में भोजना पहुंचाने वाली संस्था भी कमलनाथ सरकारी की इस योजना पर अमल करने के लिए तैयार नहीं दिख रही है।
योजना कैसे लागू कर पाएगी कमलनाथ सरकार?
मध्य प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिडडे मील में अंडे परोसने की योजना पर काम कर रही है, जिसे सप्लाई करने की जिम्मेदारी अक्षय पात्र फाउंडेशन की है, जो इस्कॉन से जुड़ी संस्था है और सिर्फ शाकाहारी भोजन ही उपलब्ध करवाती है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अक्षय पात्र फाउंडेशन सरकार के मंसूबों को पूरा करने के लिए तैयार होगी? कांग्रेस शासित पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी यही संस्था आंगनवाड़ी केंद्रों और सरकार स्कूलों में भोजन उपलब्ध करवाती है। लेकिन, जब भूपेश बघेल की सरकार ने उसे अंडे सप्लाई करने के लिए कहा तो उसने साफ मना कर दिया। फाउंडेशन ने जबर्दस्ती करने पर करार तोड़ने तक की धमकी दे डाली थी।
जबरन नहीं खिलाया जाएगा अंडा- कमलनाथ सरकार
मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि अंडा प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है, इसलिए इसे बच्चों को देने की योजना है। खबरों के मुताबिक शुरुआत में इस 89 आदिवासी ब्लॉकमें लागू किया जाना है, जिसपर 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे। हालांकि, राज्य सरकार ये भी कह रही है कि किसी को जबरन अंडा खाने के लिए नहीं कहा जाएगा। वैसे अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि राज्य सरकार ने अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ जो करार किया है, उसमें अंडे सप्लाई करने की बात शामिल है या नहीं। वैसे फाउंडेशन के सूत्रों की ओर से ये कहा जा रहा है कि सरकार को पता है कि हम अंडा नहीं सप्लाई करते।
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....तो नरभक्षी बन जाएंगे बच्चे- बीजेपी
इस बीच विपक्षी बीजेपी ने कमलनाथ सरकार की इस योजना पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने मिडडे मील में अंडे देने की योजना को धार्मिक भावना के खिलाफ बताते हुए इसका विरोधी शुरू कर दिया है। पार्टी नेता गोपाल भार्गव ने तो यहां तक कह दिया है कि इससे बच्चों के नरभक्षी होने तक का खतरा है। उन्होंने कमलनाथ सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि,"एक कुपोषित सरकार से इससे ज्यादा क्या उम्मीद की जा सकती है। वे बच्चों को अंडा खिलाए, जो नहीं खाते हों उन्हें जबरन खिलाए। अंडे में न होता हो पोषण तो मुर्गे खिलाएगी, बकरे खिलाएगी और जो कुछ बनेगा वो खिलाएगी। ....भारत के जो संस्कार हैं, हमारी जो सनातन संस्कृति है, उसमें मांसाहार निषेध है। हम जबरन किसी को नहीं खिला सकते। और यदि बचपन से ही हम इसे खाएंगे तो बड़े होके पता नहीं वो गोश्त तो खाएंगे ही नरभक्षी न हो जाएं। कमलनाथ सरकार को सोचना चाहिए कि अभी से हम तामसी प्रवृत्ति हम शुरू कर देते हैं बच्चों में......मैं तो वर्ण से ब्राह्मण हूं और उस कारण से मैंने कभी लहसून-प्याज भी नहीं खाया......मैं इतना कहना चाहता हूं कि ये प्रवृत्ति ठीक नहीं है हम किसी को जबरन खानपान के मामले में बाध्य नहीं कर सकते।"