Ahmednagar Civic Polls: मेयर चुनाव में बीजेपी को मिला NCP का साथ, बड़ी पार्टी के बावजूद सहयोगी शिवसेना हुई रेस से बाहर
अहमदनगर। महाराष्ट्र की राजनीति में बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मेयर चुनाव में सहयोगी शिवसेना को बाहर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एनसीपी के साथ हाथ मिला लिया। बीजेपी के इस दांव से सबसे ज्यादा सीटें पाने वाली शिवसेना मेयर की रेस से बाहर हो गई। दूसरी ओर एनसीपी के पार्षदों ने जिस तरह से बीजेपी का साथ दिया उसे पार्टी ने गंभीरता से लिया। एनसीपी की ओर से बताया गया कि इन नेताओं को जल्द ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, अगर वो उचित जवाब नहीं दे पाए तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
अहमदनगर मेयर चुनाव में शिवसेना को झटका
पूरा घटनाक्रम अहमदनगर निकाय चुनाव में सामने आया है। इस चुनाव में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी तीनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे। हालांकि बीजेपी ने एनसीपी का साथ लेकर मेयर पद पर अपना कब्जा जमा लिया। मेयर चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बाबासाहेब वकाले को 37 वोट मिले जो बहुमत के आंकड़े 35 से 2 वोट ज्यादा हैं। अहमदनगर निकाय चुनाव में सभी पार्टियों के आंकड़ें देखें तो शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई, उन्हें कुल 68 सीटों में से 24 सीटें आईं। दूसरे नंबर एनसीपी रही, जिनके खाते में 18 सीटें आईं, वहीं बीजेपी की बात करें तो उन्होंने 14 सीटों पर कब्जा जमाया।
एनसीपी के साथ से मेयर पद पर किया कब्जा
निकाय चुनाव के फाइनल नतीजों के बाद शिवसेना की ओर से बीजेपी के साथ गठबंधन कर मेयर बनाए जाने को लेकर चर्चा चल रही थी। हालांकि शिवसेना की स्थानीय इकाई तैयार नहीं थीं। इस बीच बीजेपी को एनसीपी के 18 पार्षदों का समर्थन मिला, जिससे उन्होंने बहुमत हासिल करते हुए मेयर पद पर कब्जा जमा लिया। दूसरी ओर शिवसेना जिसके रिश्ते पिछले कुछ समय से बीजेपी से ठीक नहीं चल रहे, ताजा घटनाक्रम के बाद और भी बिगड़ सकते हैं।
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NCP ने पार्षदों को जारी किया कारण बताओ नोटिस
इस सबके बीच जिस तरह से एनसीपी के पार्षदों ने बीजेपी का समर्थन किया इससे पार्टी आलाकमान नाराज है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बताया कि 18 एनसीपी पार्षदों ने पार्टी के आदेश के विपरीत जाते हुए अहमदनगर मेयर पद पर बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन किया है। पार्टी उन पार्षदों के साथ-साथ एक विधायक पर भी कार्रवाई करेगी। इस संबंध में उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है। अगर वो अपनी बात ठीक ढंग से नहीं रखते हैं तो उन्हें पार्टी से निकाला भी जा सकता है।