उग्र भीड़ के हमले के डर से भाजपा सांसद हुए कमरे में कैद, CAA पर दे रहे थे भाषण
नई दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी के एक राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता को भीड़ की विरोध के चलते कमरे में कैद होना पड़ गया। घटना पश्चिम बंगाल के विश्व भारती विश्वविद्यालय की है। वह नागरिकता संशोधन कानून पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे तो उनके मुताबिक उग्र भीड़ ने कार्यक्रम पर हमला बोल दिया, जिसकी वजह से उन्हें कमरे में बंद होना पड़ा। घटना पश्चिम बंगाल के बीरभूम की है। (तस्वीर प्रतीकात्मक)
राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट के जरिए दावा किया है कि वह बीरभूम के विश्व भारती यूनिवर्सिटी के एक कमरे में बंद हैं और बाहर भीड़ जमा है, जहां वे सीएए पर आयोजित एक सभा को संबोधित करने आए थे। स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट करके कहा है कि, "कैसा लगेगा जब सीसीए पर आयोजित एक शांतिपूर्ण सभा में भीड़ हमला कर देती है और छात्रों को डराया धमकाया जाए? ऐसा ही हो रहा है जब मैं अभी विश्व भारती में एक सभा को संबोधित कर रहा हू्ं। अभी कमरे में बंद हूं और भीड़ बाहर मौजूद है।"
West Bengal: Rajya Sabha MP Swapan Dasgupta claims he has been locked into a room with mob outside at Visva-Bharati University in Birbhum, where he was addressing a meeting on #CitizenshipAmendmentAct. pic.twitter.com/F9Cxdd3y7M
— ANI (@ANI) January 8, 2020
जानकारी के मुताबिक बुधवार को जब बीजेपी सांसद वहां भाषण देने पहुंचे तो उन्हें सीपीएम समर्थित छात्र संगठन एसएफआई के विरोध का सामना करना पड़ा और उनका कार्यक्रम रोक दिया गया। दासगुप्ता 'द सीएए-2019: अंडरस्टैंडिंग एंड इंटरप्रेटेशन' विषय पर अपनी बात रखने आए थे। इस कार्यक्रम का समय दोपहर बाद 3.30 बजे तय किया गया था और विश्व भारती के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती इसकी अध्यक्षता करने वाले थे।
जैसे ही दासगुप्ता वहां पहुंचे विश्व भारती के एसएफआई यूनिट के नेता सोमनाथ साव ने कहा कि छात्र विश्व भारती की धरती पर ऐसे किसी को भी प्रोपेगेंडा नहीं करने देंगे जो 'समुदायों के बीच नफरत फैलाते हैं।' उन्होंने कहा कि 'हम बीजेपी और हिंदुत्व की ताकतों के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे।'
विश्वविद्यालय के एक टीचर ने बताया कि दासगुप्ता को गेस्ट हाउस में रखा गया है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना रविंद्रनाथ टैगोर ने 1921 में की थी, जो कि एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है।