बीजेपी सांसद साक्षी महाराज बोले - "बाबरी ढांचा हिंदुस्तान के माथे पर एक कलंक जैसा था"
बीजेपी सांसद साक्षी महाराज बोले - "बाबरी ढांचा हिंदुस्तान के माथे पर एक कलंक जैसा था"
नई दिल्ली। आयोय में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल का दिन ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि लखनऊ की विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो की कोर्ट (CBI) बुधवार (30 सितंबर) को अपना फैसला सुनाएगी। अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को विध्वंस किया गया था। इस मामले में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट 28 साल बाद अपना फैसला सुनाएगी।
विवादित बाबरी ढांचा हिंदुस्तान के माथे पर एक कलंक जैसा था
वहीं इस केस में 28 साल बाद आ रहे फैसले से एक दिन पहले बाबरी विध्वंस के आरोपी उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने मंगलवार ने कहा कि विवादित बाबरी ढांचा हिंदुस्तान के माथे पर एक कलंक जैसा था। साक्षी महामाज ने आगे कहा कि हिंदुस्तान के कोटि कोटि हिंदुओं का सम्मान हुआ है। भगवान राम के लिए जो भी निर्णय आएगा व मान्य होगा।
मैं भगवान राम के लिए जिंदगी भर जेल में रहने के लिए तैयार हूं
इसके साथ ही भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने मंगलवार को कहा कि 6 दिसंबर को मैं अयोध्या में मौजूद था। मेरी वकीलों से जो बात हुई तो उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर कोई दोष नहीं बन रहा है। इसके बावजूद अगर मुझे कोर्ट दोषी करार देता है कि तो मैं भगवान राम के लिए जिंदगी भर जेल में रहने के लिए तैयार हूं। माला पहनकर हंसते- हंसते जेल जाऊंगा।
उमा भारती,आडवाणी-जोशी समेत 32 आरोपियों पर कल फैसला आएगा
बता दें बाबरी मस्जिद विध्वंस ने भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद भारत देश में सबसे बड़े दंगे हुए जिसमें लगभग 2,000 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में कोर्ट में 351 गवाहों को पेश किया गया है और 600 दस्तावेज भी साक्ष्य के रूप में पेश हो चुके हैं। लाल कृष्ण आडवाणी (LK Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti) सहित 32 आरोपियों पर कल फैसला आएगा।
हाजी महबूब का दावा है कि घटना के दिन ये लोग थे मौजूद
गौरतलब है कि फैसले से पहले बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार हाजी महबूब ने कोर्ट से बाबरी विध्वंस के आरोपियों को सजा देने की अपील की है। हाजी महबूब का दावा है कि घटना के दिन आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार मौजूद थे। इस वजह से सभी को कोर्ट को सजा देनी चाहिए।
वेदांती बोले- फांसी हो या उम्रकैद, यह मेरा सौभाग्य
वेदांती
बोले-
फांसी
हो
या
उम्रकैद,
यह
मेरा
सौभाग्य
वहीं
इस
केस
के
एक
आरोपी
पूर्व
सांसद
और
राम
मंदिर
आंदोलन
के
अगुआ
रामविलास
दास
वेदांती
ने
कहा
कि
यदि
कोर्ट
इस
मामले
में
उन्हें
उम्रकैद
या
फांसी
की
सजा
भी
देती
है
तो
उन्हें
मंजूर
होगी।
वेदांती
ने
कहा
कि
30
सितंबर
को
लखनऊ
के
सीबीआई
कोर्ट
में
हाजिर
होने
के
लिए
कहा
गया
है.
कोर्ट
पहुंचकर
वह
आत्मसमर्पण
के
लिए
तैयार
हूं।
कोर्ट
का
जो
भी
फैसला
होगा
वह
हमें
मंजूर
होगा।
कुल 49 एफआईआर दर्ज हुई है
बता दें बाबरी विध्वंस मामले में अभी तक कुल 49 एफआईआर दर्ज हुई है। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को विध्वंस के बाद सबसे पहले अयोध्या में दो एफआईआर दर्ज की गईं। पहला एफआईआर कारसेवकों, या धार्मिक स्वयंसेवकों के खिलाफ थी। इसमें एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियंवदा नाथ शुक्ला ने दर्ज करवाई थी, वहीं दूसरी एफआईआर गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज करवाई थी। बाकी 45 एफआईआर अलग-अलग तारीखों पर पत्रकारों और फोटोग्राफरों ने दर्ज करवाई थीं।