राजस्थान के कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला होंगे लोकसभा स्पीकर: सूत्र
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता ओम बिड़ला लोकसभा में स्पीकर पद के लिए एनडीए के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार ओम बिड़ला के नाम पर आम सहमति बन गई है, जिसके बाद उन्हें लोकसभा के स्पीकर पद के लिए नामांकित किया जाएगा। हालांकि उनके नाम पर अभी आधिकारिक मुहर नहीं लगी है। बता दें कि ओम बिड़ला राजस्थान के कोटा से भाजपा सांसद हैं।
मुझे जानकारी नहीं- ओम बिड़ला
वहं जब इस बाबत ओम बिड़ला से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बाबत कोई जानकारी नहीं है, मैं भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर बतौर एक कार्यकर्ता मुलाकात करके आ रहा हूं। जबकि ओम बिड़ला की पत्नी अमिता बिड़ला का कहना है कि यह हमारे लिए गर्व और खुशी का मौका है। हम कैबिनेट के शुक्रगुजार हैं जो उन्होंने ओम बिड़ला को इस पद के लिए चुना।
मेनका गांधी थीं रेस में
इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को लोकसभा स्पीकर बनाया जा सकता है। इसके अलावा रमापति राम त्रिपाठी, एसएस अहलुवालिया और वीरेंद्र कुमार सिंह का भी नाम लोकसभा स्पीकर की रेस में चल रहा था। फिलहाल संसद के सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने तमाम सांसदों को शपथ दिलाई थी।
तीन बार विधानसभा चुनाव जीता
ओम बिड़ला ने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2.5 लाख वोटों के भारी अंतर से हराकर चुनाव में जीत दर्ज की थी। ओम बिड़ला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी से सक्रिय राजनेता और राजस्थान राज्य के कोटा-बुंदी निर्वाचन क्षेत्र से 16 वीं लोकसभा में संसद सदस्य हैं। वे कोटा साउथ से तीन बार राजस्थान विधान सभा के सदस्य थे। ओम बिड़ला ने अपनी पीजी की पढ़ाई कॉमर्स से की है। उन्होंने कोटा के सरकारी कॉमर्स कॉलेज और अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है। वह छात्र राजनीति में लंबे समय तक सक्रिय थे।
सामाजिक कार्य में रूचि
ओम बिड़ला विभिन्न माध्यमों के द्वारा सामाजिक सेवा, राष्ट्र सेवा, गरीब, वृ्द्ध, विकलांग और असहाय महिलाओं की सहायता करने में रुचि रखते हैं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद की हैं। विकलांगों को मुफ्त साइकिलें, व्हीलचेयर और कान की मशीन प्रदान की गई। बढ़ते प्रदूषण की जांच और हरियाली में कमी के लिए कोटा में लगभग एक लाख पेड़ लगाने के लिए उन्होंने एक प्रमुख "ग्रीन कोटा वन अभियान" लॉन्च किया था।
ग्रामीण क्षेत्र में योगदान
नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की एक प्रमुख योजना तैयार करके ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली युवाओं को बढ़ावा देने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने राजस्थान के बारा जिला में सहिया आदिवासी इलाके में कुपोषण और अर्ध-बेरोजगारी को हटाने के लिए मिशन का नेतृत्व किया था।