अयोध्या केस: दस्तावेज दिखाकर इस राजकुमारी ने किया भगवान राम के वंशज होने का दावा
नई दिल्ली- अयोध्या विवाद में एक दिलचस्प मोड़ आ गया है। जयपुर की राजकुमारी और भाजपा सांसद दीया कुमारी ने दावा किया है कि उनका राजघराना भगवान राम के पुत्र कुश का वंशज है। अपने दावे के समर्थन में दीया कुमारी ने कुछ दस्वावेज भी सामने रखे हैं। राजस्थान के राजसमंद से बीजेपी एमपी का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये पूछा है कि क्या भगवान राम के कोई वंशज भी हैं, तब उन्होंने अपना पक्ष सामने लाने का फैसला किया है।
जयपुर राजघराने का कुश के वंशज होने का दावा
बीजेपी एमपी दीया कुमारी ने रविवार को अपना वह दावा दस्तावेजों के जरिए दोहराया है कि जयपुर का उनका राजघराना भगवान राम का वंशज है और जो लोग भी उस वंश से जुड़े हैं, उनके लिए ये गर्व की बात है। उनके मुताबिक,"जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि दुनिया में भगवान राम का कोई वंशज है या नहीं, तब मैंने जवाब दिया कि हम (जयपुर राजघराना) भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज हैं। मैंने ये भी कहा कि हमारी ही तरह दुनिया में कई और लोग भी उसी वंश से जुड़े हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम उनके वंशज हैं।" दीया कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच से पूछे गए सवालों के जवाब को लेकर ये सब बताया है।
दस्तावेज, पांडुलिपि और वंश-वृक्ष दिखाया
दीया कुमारी ने अपने दावे के समर्थन में कई दस्तावेज भी पेश किए हैं। उन्होंने कहा है "हमारे पास हमारे पुस्तकालय और संग्रहालय में दस्तावेज, पांडुलिपियां और वंश-वृक्ष भी हैं, जिसके आधार पर हम भगवान राम के परिवार का वंशज होने का दावा करते हैं और हम ऐसा करने वाले अकेले नहीं हैं। राठौर दावा करते हैं कि वे कुश के भाई लव के वंशज हैं।" हालांकि दीया कुमारी ने यह भी साफ करने की कोशिश की है कि अपने बयान से वे सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को किसी तरह से प्रभावित नहीं करना चाहतीं। लेकिन, अगर सुप्रीम कोर्ट में ऐसी कोई जरूरत पड़ेगी तो वो दस्तावेज मुहैया कराने के लिए तैयार हैं।
वंश-वृक्ष में राजा दशरथ, भगवान राम और सवाई जय सिंह का भी नाम
दीया कुमारी के परिवार की ओर से पेश किए जा रहे दस्तावेजों के मुताबिक वंश-वृक्ष में राजा दशरथ 62वें स्थान पर आते हैं। जबकि, भगवान राम और उनके पुत्र कुश क्रमश: 63वें और 64वें नंबर पर दिखाए गए हैं। इन दस्तावेजों में जयपुर राजघराने के शासकों में सवाई जय सिंह, माधो सिंह और राजघराने के दूसरे राजाओं का भी नाम दिखाई पड़ता है। गौरतलब है कि राम मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता के सारे प्रयास खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय बेंच ने इस मामले की रोजाना सुनवाई का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इसी साल के अंतिम महीनों में अपनी रिटायरमेंट से पहले इसपर जजमेंट सुनाना चाहते हैं।
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