नौसेना अधिकारी, कंगना रनौत मामले पर उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ NHRC पहुंचे BJP सांसद
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जिस तरह से नौसेना के रिटायर्ट अधिकारी के साथ मारपीट का मामला सामने आया उसके बाद प्रदेश की उद्धव ठाकरे सरकार विपक्ष के निशाने पर है। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसदों और महाराष्ट्र भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे की अगुवाई में भाजपा नेताओं के गुट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है और इस मामले में जांच की मांग की है। एनएचआरसी के चेयरमैन एचएल दत्तु को लिखे पत्र में भाजपा सांसदों का दावा है कि महाराष्ट्र में 2019 के बाद से इस तरह के कई मानवाधिकार हनन के मामले सामने आ चुके हैं।
इस पत्र पर राज्यसभा सासंसद विकास महात्मे, भागवत कराद ने भी हस्ताक्षर किया है, जिसमे दावा किया गया है कि बोलने की स्वतंत्रता, जीने का अधिकार, समानता का अधिकार का महाराष्ट्र सरकार के कार्यकाल के दौरान हनन हुआ है। रीमान तिवारी नाम के व्यक्ति के उपर हमला किया गया क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा था, जोकि शिवसेना से जुड़ा हुआ था। पत्र में पालघर में हुई घटना का भी जिक्र किया गया है जिसमे तीन साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
पत्र में मदन शर्मा जोकि रिटायर्ड नौसेना अधिकारी हैं उनका भी जिक्र किया गया है। उनके साथ 8-10 लोगों ने मारपीट की थी क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर राज्य सरकार की आलोचना वाली एक पोस्ट डाली थी। पत्र में कहा गया है कि लोग अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों पर हमले किए जा रहे हैं, राज्य सरकार व सरकारी कर्मचारियों की आलोचना की वजह से आम लोगों पर हमला किया जा रहा है, जिसे राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
कंगना रनौत और पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किए जाने की भी बात इस पत्र में कही गई है। पत्र में कहा गया है कि कंगना रनौत और पत्रकार राज्य सरकार के खिलाफ मखर होकर बोल रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों पर निशाना साधा जा रहा है। इन तमाम घटनाओं को मानवाधिकार का हनन बताते हुए भाजपा सांसदों ने मांग की है कि मानवाधिकार इन मामलों की जांच करे।