BSNL के निजीकरण के बाद चली जाएगी 88000 कर्मचारियों की नौकरी, BJP सांसद ने बताई ये वजह
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में कई सरकारी संस्थाओं का निजीकरण जारी है। मोदी सरकार के इसी फैसले का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के ज्यादातर कर्मचारी आलसी हैं और वह काम नहीं करना चाहते, ऐसे में अगर दूरसंचार कंपनी का निजीकरण किया जाता है तो लगभग 88 हजार कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। अनंत कुमार हेगड़े ने यह बयान उत्तर कन्नड़ जिले के कुमटा में 10 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में कही थी।
88 हजार कर्मचारी देशद्रोही
लोकसभा सांसद और बीजेपी नेता अनंत कुमार हेगड़े ने अपने बयान में कहा कि बीएसएनएल के कर्मचारी देशद्रोही हैं जो एक प्रसिद्ध फर्म को विकसित करने के लिए काम करने के इच्छुक नहीं। सरकार अब बीएसएनएल का निजीकरण करेगी जिसके बाद 88 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। बता दें कि अनंत कुमार हेगड़े अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं, इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी को लेकर एक बयान दिया था जिसके बाद काफी विवाद छिड़ गया था। अब बीएसएनएल कर्मचारियों को लेकर हेगड़े का यह बयान सुर्खियों में है।
BSNL employees are traitors who weren't willing to work to develop a well-known firm. More than 88000 employees will be fired, as govt will privatise BSNL: BJP MP Anantkumar Hegde on BSNL
He was speaking at an event held on Aug 10 in Kumta, Uttara Kannada district, #Karnataka pic.twitter.com/BfxbK25EQX
— ANI (@ANI) August 11, 2020
महात्मा गांधी पर दिया था विवादित बयान
महात्मा गांधी पर दिए अपने बयान में बीजेपी सांसद ने कहा था कि स्वाधीनता का पूरा संघर्ष ही बनावटी था और इसे ब्रिटिश साम्राज्य का समर्थन हासिल था। हेगड़े ने कहा, उस दौर के तथाकथित बड़े नेताओं ने अंग्रेजी हुकुमत से एक बार भी लाठी नहीं खाई, उनका पूरा स्वतंत्रता आंदोलन एक ड्रामा था। अंग्रेजों की अनुमति लेने के बाद ही इन बड़े नेताओं ने पूरा ड्रामा शुरू किया था। यह कोई असल लड़ाई नहीं बल्कि दिखावटी संघर्ष थी।
BSNL ने चीन को पहुंचाई 7,000-8,000 करोड़ की चोट
बता दें कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने जुलाई महीने से 4 जी अपग्रेडेशन के लिए जारी किया टेंडर रद्द कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने सुरक्षा को देखते हुए चीन की कंपनियों के द्वारा बनाए गए दूरसंचार उपकरणों को सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर में इस्तेमाल करने से मना किया है। ये टेंडर 7000 से 8000 करोड़ रुपये का था। सूत्रों ने जानकारी दी कि जल्द ही एक नया टेंडर लाया जाएगा जो कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा। वहीं, भारतीय क्षमता और स्वदेशी प्रोद्योगिकी को भी इस टेंडर की मदद से बढ़ावा दिया जाएगा।
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