शपथ ग्रहण में शिक्षकों को बुलाने पर सियासत तेज, BJP विधायक ने केजरीवाल से की ये मांग
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के चीफ अरविंद केजरीवाल कल यानी रविवार को तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। केजरीवाल के शपथ लेने से पहले बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायक विजेंद्र गुप्ता ने पत्र लिखकर 'आप' प्रमुख से एक अनुरोध किया है। बीजेपी विधायक ने केजरीवाल से उस आदेश को वापस लेने की अपील की है जिसमें शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के सरकारी टीचरों के उपस्थित होने की बात कही गई है।
दिल्ली में पिछली विधानसभा में रहे विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने सीएम केजरीवाल के इस आदेश को तानाशाही करार दिया है। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल के इस फैसले से उनकी उस उम्मीदों को ठेस पहुंची है जिसमें उन्हें लगता था कि सत्ता में आने के बाद सीएम केजरीवाल शासन और सरकारी संस्थानों को मजबूत बनाने पर जोर देंगे। विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल को लिखे पत्र में बताया कि आदेश के अनुसार दिल्ली के करीब 15,000 शिक्षक शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
Delhi's teachers and principals are the architects of Delhi's transformation in the past 5 years. They deserve to be invited to the swearing-in at Ramlila Maidan tomorrow. When did BJP last think of teachers in at the centre of your 'vikas' model? Never did, never will. https://t.co/p7U2XHI4E7
— Jasmine Shah (@Jasmine441) February 15, 2020
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दिल्ली
में
बदलाव
का
श्रेय
शिक्षकों
को:
AAP
रोहिणी
विधानसभा
सीट
से
दोबारा
बीजेपी
विधायक
चुने
गए
विजेंद्र
गुप्ता
ने
बताया
कि
वह
खुद
मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल
के
शपथ
ग्रहण
में
शामिल
होने
रविवार
को
रामलीला
मैदान
जाएंगे।
बीजेपी
नेता
की
आपत्ति
पर
दिल्ली
दिल्ली
डायलॉग
एवं
डेवलपमेंट
कमिशन
के
उपाध्यक्ष
जस्मीन
शाह
का
बयान
भी
सामने
आया
है।
उन्होंने
कहा
कि
पिछले
पांच
साल
में
दिल्ली
में
जो
भी
बदलाव
आए
हैं
उसका
श्रेय
शिक्षक
और
प्राचार्य
को
जाता
है।
वह
इस
बदलाव
के
शिल्पकार
हैं।
इसलिए
वह
पथ
ग्रहण
समारोह
में
आमंत्रित
किए
जाने
के
हकदार
हैं।
जस्मीन
शाह
ने
ट्वीट
कर
लिखा
कि
'बीजेपी
ने
आखिरी
बार
अपने
विकास
मॉडल
में
शिक्षकों
को
केंद्र
में
रखकर
कब
सोचा
था?
न
पहले
कभी
सोचा
था,
न
आगे
कभी
सोचेंगे।'
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