बीजेपी विधायक की बेटी बोली- भाई मुझे पीटता था, मां दिखाती थी ऑनर किलिंग का डर
नई दिल्ली। वायरल वीडियो के बाद चर्चा में आईं बरेली के विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी और उसके पति अजितेश एक न्यूज चैनल के स्टूडियो पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने रिश्ते को लेकर पूरी बात बताई। इस दौरान साक्षी ने आपबीती सुनाई। स्टूडियो में अजितेश के पिता भी मौजूद थे। साझी अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़ीं। साझी ने इस दौरान बताया कि घर में उसके साथ कैसा बर्ताव किया जाता था।
मेरा भाई मुझे पीटता था- साझी
साझी ने बताया कि जिस प्रकार उसके भाई को सारी छूट दी जाती थी, उसको कभी नहीं दी गई। भाई को हमेशा अधिक छूट दी जाती थी। साझी ने कहा, 'मेरी मां ने भी पिताजी से मेरे बारे में गलत बातें बताईं थी। इसके बाद ऐसी बातों से मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं वो सब करने लगी जिसका डर ये लोग दिखाते थे। साझी ने बताया, 'अजितेश से बात करने की भनक भाई विक्की को लग गई थी। वह बार-बार इसके बारे में पूछता था। इसके बाद तो वह पीटने भी लगा था, मैं पैर पकड़कर उसको मनाती रहती थी।'
'अजितेश से बात करने की भनक भाई विक्की को लग गई थी'
साझी ने कहा, 'वीडियो को सोशल मीडिया पर इसलिए पोस्ट किया था ताकि मैं इन लोगों से बच सकूं, मुझे भाई और पिताजी के दोस्तों से खतरा है।' साक्षी ने अपनी मां पर भी आरोप लगाए और कहा कि वह अखबार में नेगेटिव खबरें दिखाकर डराती थीं कि कैसे किसी बागी लड़की को घर वाले मार देते हैं। इसके पहले, साक्षी के आरोपों पर भाजपा विधायक राजेश मिश्रा का कहना था कि बेटी द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा, 'वह बालिग है, उसको अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने का अधिकार है। मैंने किसी को धमकी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि युवक मेरी बेटी से 9 साल बड़ा है, इसलिए मुझे उसकी चिंता हो रही थी।' इस बीच साक्षी के शादी के मामले में अब एक नया मोड़ आया।
साक्षी ने अपनी मां पर भी आरोप लगाए
वहीं, शादी के प्रमाण पत्र पर प्रयागराज में मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा था कि उन्होंने बिठारी चैनपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक की बेटी की शादी नहीं कराई है। राम जानकी मंदिर के महंत परशुराम दास ने कहा, 'मंदिर में कोई शादी नहीं कराई जाती है, मंदिर के नाम से जारी किया गया प्रमाण पत्र फर्जी है। दरअसल, विधायक की बेटी की शादी का प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जो बेगम सराय स्थित प्राचीन रामजानकी मंदिर के नाम से जारी किया था।