महाराष्ट्र: राहुल के बयान का विरोध, 'मैं भी सावरकर' वाली टोपी पहनकर विधानसभा पहुंचे भाजपा विधायक
नागपुर। वीर सावरकर को लेकर उठा विवाद थमने की बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के बयान का विरोध जताने के लिए भाजपा ने नया तरीका अपनाया है। महाराष्ट्र विधानसभा के शीतसत्र के लिए पहुंचे भाजपा विधायक 'मैं भी सावरकर' वाली टोपी पहनकर यहां आए हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी 'मैं भी सावरकर' वाली टोपी में दिखे।
विधानसभा के अंदर भी विरोध
साथ ही भाजपा के विधायक विधानसभा के अंदर भी बैनर लेकर राहुल के बयान का विरोध कर रहे हैं। इनपर लिखा है, 'सावरकर का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।' बता दें शनिवार को भारत बचाओ रैली में राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर एक बयान दिया था।
क्या बोले थे राहुल?
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा था, 'संसद में मुझे सही कहने के लिए माफी मांगने को कहा गया। मैं उनको बता दूं कि मेरा नाम राहुल गांधी है सावरकर नहीं, सत्य के लिए कभी माफी नहीं मांगूंगा।' राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस से भी कोई माफी नहीं मांगेगा, देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने जो किया है उसके लिए उन्हें राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए। उनके सहायक और गृह मंत्री अमित शाह को भी देश से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल ने 'रेप इन इंडिया' कहा था
राहुल ने माफी वाली बात स्मृति ईरानी के बयान पर कही थी। दरअसल राहुल ने झारखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मेक इन इंडिया अब रेप इन इंडिया बन गया है। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के नेतृत्व में महिला भाजपा सांसदों ने जमकर हंगामा किया था। उन्होंने राहुल गांधी से माफी मांगने की बात कही थी। बाद में राहुल गांधी ने भारत बचाओ रैली में वीर सवारकर को लेकर इस तरह का बयान दे दिया।
शिवसेना ने क्या कहा?
वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोग से सरकार चला रही शिवसेना ने भी राहुल के बयान की निंदा की है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि हम नेहरू और गांधी का सम्मान करते हैं, उन्हें सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए। नेहरू-गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अहम योगदान दिया है। वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को राहुल के बयान पर कहा कि इस मुद्दे पर वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे।
जामिया में हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, CJI ने कहा- पहले हिंसा रुके, फिर करेंगे सुनवाई