
BJP Mithun को बनाएगी राज्य सभा सांसद, क्या बंगाल कमल और 'कालिया' की करीबी से बदलेगा ?
नई दिल्ली, 05 जुलाई : अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती भाजपा सांसद (BJP Mithun) बन सकते हैं। बीजेपी मिथुन चक्रवर्ती को राज्य सभा सांसद बनाने पर विचार कर रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मिथुन का भाजपा कार्यालय पहुंचना इसी कड़ी का हिस्सा है। मंगलवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीजेपी दफ्तर पहुंचे मिथुन की एक वीडियो बीजेपी ने ट्वीट की। बांग्ला भाषा में पत्रकारों से मिथुन को भाजपा के बढ़ते जनाधार और लोकप्रियता के बारे में बात करते सुना गया। बकौल मिथुन, बंगाल में बीजेपी को 55 लाख से 2 करोड़ 26 लाख वोट मिले हैं ! उन्होंने कहा, वे नहीं समझते कि इस परिणाम से निराश होने की कोई बात है। खबरों के मुताबिक पश्चिम बंगाल से निर्वाचित रुपा गांगुली की रिटायरमेंट के बाद खाली हो रही राज्य सभी सीट पर मिथुन भाजपा सांसद बन सकते हैं।
বিজেপি বাংলায় ৫৫ লক্ষ থেকে ২কোটি ২৮ লক্ষ ভোট পেয়েছে! এই ফলাফল থেকে নিরাশ হওয়ার কিছু নেই : শ্রী @mithunda_off pic।twitter।com/w9pQM0lHxe
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) July 5, 2022

मिथुन और भाजपा की करीबी !
दरअसल, मिथुन चक्रवर्ती सोमवार को कोलकाता पहुंचे। उन्होंने प्रदेश कार्यालय का दौरा किया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से मुलाकात की। मिथुन के दौरे की टाइमिंग के आधार पर कयासबाजी शुरू हो गई है कि बीजेपी मिथुन चक्रवर्ती को राज्य सभा भेज सकती है। ये भी कहा जा रहा है कि उप-राष्ट्रपति चुनाव से पहले मिथुन को संसद भेज दिया जाएगा। हालांकि, खुद मिथुन ने खुद इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है।

मिथुन को भाजपा ने दी बड़ी जिम्मेदारी
बता दें कि बॉलीवुड अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के दौरान भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल थे। मिथुन को पीएम मोदी के साथ भी देखा गया था। इन सबके बीच जी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार सक्रिय राजनीति से मिथुन के नदारद रहने के बावजूद बीजेपी ने कालिया फिल्म लीड अभिनेता रहे मिथुन को राज्य सभा भेजने की योजना बनाई है। बता दें कि 1997 की इस फिल्म के आधार पर प्रशंसक मिथुन को 'कालिया' निकनेम से भी पुकारते हैं।

रूपा गांगुली की सीट पर मिथुन !
मार्च 2021 में बीजेपी में शामिल हुए मिथुन बीजेपी से राज्य सभा जा सकते हैं। इस संभावना पर सियासी पंडितों का मानना है कि उच्च सदन की दो सीटें खाली हुई हैं। पश्चिम बंगाल से निर्वाचित रूपा गांगुली और स्वपन दासगुप्ता की रिटायरमेंट के बाद भाजपा इन दोनों राज्य सभा सीटों पर जीत हासिल करने का प्रयास कर रही है।

मिथुन को भाजपा ने सौंपा काम, पहली बार ऑफिस आए
बीजेपी दफ्तर में मिथुन के पहुंचने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के अलावा राहुल सिन्हा और रुद्रनील घोष व अन्य भाजपा नेता भी मौजूद रहे। एबीपीलाइव डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक संवाददाताओं के सवाल पर मिथुन ने कहा, "पार्टी ने मुझे जो काम सौंपा है, मैं उसे करना जारी रखूंगा।" यह भी दिलचस्प है कि मार्च 2021 में पार्टी में शामिल होने के बाद से मिथुन पहली बार भाजपा के राज्य मुख्यालय पहुंचे।

मिथुन की सियासत का फॉर्मूला
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर उन्होंने कहा, "मैं अपने खराब स्वास्थ्य के कारण इतने लंबे समय तक नहीं आ सका।" उन्होंने कहा कि सियासी मैदान में केवल राजनीति होनी चाहिए। लेकिन मुझे वोटों के बाद अशांति की जो खबर मिली है, वह बहुत दुखद है।

बंगाल के लोगों के लिए काम करेंगे
यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ? मिथुन ने कहा, वह किसी भी 'सभा' में नहीं जाएंगे। फ्री प्रेस दर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक मिथुन ने कहा, "मैंने एक सभा से इस्तीफा दे दिया था और किसी अन्य सभा में नहीं जाऊंगा। मैं बंगाल के लोगों के लिए काम करना चाहता हूं और उसके लिए थोड़ी शक्ति चाहिए। मैं अपनी भूमिका बाद में बताऊंगा क्योंकि मैं सिर्फ 'बांग्ला सभा' में विश्वास करता हूं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जिहाद वाले बयान पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए मिथुन ने कहा, जिहाद के कई अर्थ हैं और यह एक बहुत बड़ा शब्द है और मैं इस शब्द पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। हर किसी को वह कहने का अधिकार है जैसा वह सोचता है।"

मिथुन भाजपा के निर्देश पर काम करेंगे
भाजपा में मिथुन की भूमिका पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में पार्टी के सूत्रों के हवाले से कहा गया, बंगाल में चक्रवर्ती की वापसी से पार्टी का कायाकल्प होगा। कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा। मिथुन ने यह भी बताया कि पार्टी ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को आगे ले जाने के लिए नई जिम्मेदारी दी है। उन्होंने कहा, 'पार्टी ने मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी दी है।' बकौल मिथुन, वे राजनेता नहीं मानवतावादी हैं। वे बंगाल के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर काम करेंगे।

बीजेपी में मिथुन की भूमिका
भाजपा में मिथुन की भूमिका के संबंध में इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा गया, "उनकी वापसी से निश्चित रूप से जमीनी स्तर पर हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बंगाल चुनाव नतीजों के बाद मनोबल गिर गए थे।" गौरतलब है कि भाजपा ने अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। सियासी पंडितों का मानना है कि चक्रवर्ती की वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि भाजपा पश्चिम बंगाल की 18 लोकसभा सीटों के आंकड़े और बेहतर करना चाहती है।

72 साल के मिथुन भाजपा में फूकेंगे जान !
बता दें कि मिथुन इसी साल 16 जून को 72 वर्ष के हुए हैं। भाजपा से जुड़ने के बाद सेहत के कारण सियासत से दूर रहे मिथुन भाजपा के समर्थन में मतदान करने की अपील जरूरत करते दिखे हैं। अप्रैल में हुए आनसोल उपचुनाव में मिथुन ने भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पॉल के पक्ष में मतदान की अपील करते दिखे थे। इससे पहले अप्रैल 2021 में मिथुन ने लॉकेट चटर्जी के लिए चुनावी कैंपेनिंग करते दिखे थे। यह भी दिलचस्प है कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल की सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने 2014 में मिथुन को राज्य सभा के लिए नॉमिनेट किया था। हालांकि, 2016 में मिथुन ने इस्तीफा दे दिया था। भाजपा से जुड़ने के बाद मिथुन ने टीएमसी पर तीखे जुबानी हमले किए हैं। ऐसे में बीजेपी में मिथुन की भावी भूमिका दिलचस्प होगी, इसमें कोई दो राय नहीं।
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