Rajasthan Assembly Elections 2018: इन सीटों पर टिकट का ऐलान करने में बीजेपी को लगेगा अभी और वक्त
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 131 उम्मीदवारों के नाम की पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की इस पहली लिस्ट में 12 महिलाओं को मौका मिला है, वहीं 32 युवा चेहरों पर भी पार्टी ने विश्वास जताया है। इसके अलावा इस सूची में 17 एससी उम्मीदवार और 19 एसटी उम्मीदवारों को अपना भाग्य आजमाने का मौका दिया गया है। इन सबके अलावा भाजपा को उन जिलों में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें पार्टी का गढ़ माना जाता है।
अलवर, अजमेर, जयपुर, कोटा जैसे जिलों में भाजपा अलग-अलग कारणों से मुश्किल में दिख रही है। इन जिलों के टिकट तय करना भी पार्टी के लिए मुश्किल हो रहा है। राजस्थान में पिछले चुनाव में मोदी लहर के कारण वैसे तो भाजपा पूरे राज्य में छाई हुई थी और 200 में से 163 सीट जीती थी, लेकिन कोई लहर नहीं हो तो भी जयपुर, अलवर, अजमेर, कोटा को भाजपा का गढ़ माना जाता है। ये वह जिले हैं, जहां भाजपा लहर में तो क्लीन स्वीप करती ही रही है, जब लहर न हो तो भी पार्टी यहां से अच्छी संख्या में जीतती रही है।
मसलन, 2008 के चुनाव में राज्य में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी और उस समय कोई लहर नहीं थी, तब जयपुर जिले की 19 में से 10, अजमेर की आठ में से तीन, अलवर की 11 में से आठ और कोटा की छह में से तीन सीटें भाजपा ने जीती थीं। हालांकि, जोधपुर, नागौर, भरतपुर, धौलपुर जिलों में भी भाजपा का अच्छा प्रदर्शन रहा था, लेकिन इन्हें भाजपा का गढ़ नहीं माना जाता है, क्योंकि पहले इन जिलों में कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। इस बार भाजपा अपने इन मजबूत जिलों में ही अलग-अलग कारणों से मुश्किल में दिख रही है। इनमें बड़ा कारण गुटबाजी भी है, जिसके चलते टिकट तय करने में भी पार्टी को काफी दिक्कत आ रही है।