सियासी ड्रामे के बीच संघ विचारक की बड़ी भविष्यवाणी, कहा-2022 में NDA से राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे शरद पवार
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जिस तरह से सियासी उठापटक चल रही है उसके बीच संघ प्रचारक दिलीप देवधर ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने दावा किया है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में शरद पवार की भी मौन सहमति है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि भाजपा 2022 में एनडीए की तरफ से शरद पवार को राष्ट्रपति पद का दावेदार बना सकती है। गौरतलब है कि दिलीप देवधर अबतक 43 किताबें लिख चुके हैं और संघ के बड़े विचारकों में उनकी गिनती होती है।
सुप्रिया सुले बन सकती हैं मंत्री
देवधर ने कहा कि भाजपा ना सिर्फ शरद पवार को राष्ट्रपति के उम्मीदार के तौर पर आगे कर सकती है, बल्कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री बना सकती है। आरएसएस के विचारक ने कहा कि एनसीपी के एक धड़े के साथ जिस तरह से भाजपा ने सरकार का गठन किया है उससे संघ भी खुश है। दरअसल शिवसेना के अड़ियल रवैये के देखते हुए संघ के पदाधिकारी काफी नाराज थे। यही वजह है कि भाजपा ने अजित पवार के साथ जिस तरह से मिलकर सरकार का गठन किया है उसके बाद आरएसएस ने भी भाजपा के इस फैसले से खुशी जाहिर की है।
भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख नहीं
आरएसएस विचारक का कहना है कि चुनाव नतीजे आने के बाद कभी भी शरद पवार ने भाजपा के खिलाफ आक्रामक रवैया अख्तियार नहीं किया और ना ही कोई ऐसा बयान दिया, जिससे दोनों के बीच खटास आ सके। वह काफी मझे हुए और चतुर नेता है। देवधर ने कहा कि जिस तरह से रामनाथ कोविंद ने नीतीश कुमार को बिहार में भाजपा के साथ लाने में अहम भूमिका निभाई थी और उन्हें राष्ट्रपति बनाया गया उसी तरह शरद पवार को महाराष्ट्र में भाजपा का साथ देने के चलते राष्ट्रपति के दावेदार के तौर पर भाजपा आगे कर सकती है।
आखिर क्यों कांग्रेस से अलग हुए थे शरद
जिस तरह से शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एनसीपी विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया उसपर देवधर कहते हैं कि शरद पवार ने गठबंधन धर्म का पालन किया है और उन्होंने इसका महज दिखावा किया है, लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि शरद पवार ने कांग्रेस यह कहते हुए छोड़ी थी कि वह इटली की हैं। इसी वजह से शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी का गठन किया था ।