क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

मोदी से मतभेदों के कारण छोड़ी थी पार्टी, उसी नेता के कंधों पर थी काशी में जीत की जिम्मेदारी

Google Oneindia News

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में वाराणसी से दूसरी बार नरेंद्र मोदी चुनाव जीते तो अबकी मार्जिन पहली बार से भी अधिक रहा। नामांकन के बाद पीएम मोदी कभी कैंपेन करने वाराणसी नहीं गए थे। अन्य नेताओं ने वहां पर रैलियां की और स्थानीय नेताओं ने पीएम मोदी के लिए वोट मांगे। हालांकि, वाराणसी सीट पर उनकी जीत को लेकर शायद ही किसी को संदेह रहा हो, लेकिन बीजेपी ने इस सीट पर उनकी जीत को बड़ी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। वहीं, एक और बात सामने आई है कि जिस नेता ने वाराणसी में प्रचार की कमान संभाली थी, वो कभी नरेंद्र मोदी से मतभेदों के कारण पार्टी छोड़कर चला गया था।

मोदी से नाराज होकर 2007 में छोड़ दी थी पार्टी, 2011 में हुई वापसी

मोदी से नाराज होकर 2007 में छोड़ दी थी पार्टी, 2011 में हुई वापसी

साल 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भावनगर से दो बार के विधायक सुनील ओझा ने पार्टी छोड़ दिया था। उस वक्त तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी से मतभेदों की बात निकलकर सामने आई थी। हालांकि सुनील ओझा की चार साल बाद 2011 में घर वापसी हुई। संगठन का काम देखने में माहिर सुनील ओझा देखते ही देखते नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाने लगे। शायद यही वजह रही कि उनको उत्तर प्रदेश का प्रदेश सह प्रभारी बनाया गया।

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में मुस्लिम युवक की पिटाई पर भड़के गौतम गंभीर, दिया बड़ा बयान ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में मुस्लिम युवक की पिटाई पर भड़के गौतम गंभीर, दिया बड़ा बयान

सुनील ओझा बोले- वोट तो मोदी के नाम पर मिला

सुनील ओझा बोले- वोट तो मोदी के नाम पर मिला

हालांकि, सुनील ओझा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में इस बात से इनकार किया कि वे पीएम मोदी की जीत के सूत्रधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे एक सामान्य कार्यकर्ता भर हैं, और वोट तो जनता मोदी के नाम ही दे रही है। गुजरात में हिंदुत्ववादी चेहरों में गिने जाने वाले सुनील ओझा विहिप काडर से आते हैं। साल 2011 में पार्टी में वापसी के बाद यूपी का सह प्रभारी बनाने के अलावा वाराणसी की जिम्मेदारी भी उनको सौंप दी गई थी।

पहले से अधिक वोटों से जीते नरेंद्र मोदी

पहले से अधिक वोटों से जीते नरेंद्र मोदी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात की एक टीम काशी में प्रचार में जुटी हुई थी। इस कैंपेनिंग के कई दिग्गज शामिल थे। ये जानते थे कि लोग मोदी के नाम पर वोट देंगे लेकिन सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम और एजेंडा सेट करने की पूरी जिम्मेदारी सुनील ओझा के कंधों पर थी। इसके अलावा कई और नेता थे जो वाराणसी में कैंपेन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। संगठन मंत्री रत्नाकर, प्रदेश सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन, पीएम मोदी के इलेक्शन एजेंट विद्यासागर राय भी कैंपेन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

ये भी पढ़ें: हार से कांग्रेस में हड़कंप! दो दिग्गज नेताओं ने राहुल गांधी को भेजा इस्तीफाये भी पढ़ें: हार से कांग्रेस में हड़कंप! दो दिग्गज नेताओं ने राहुल गांधी को भेजा इस्तीफा

Comments
English summary
bjp leader who was campaigning for pm narendra modi in varanasi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X