यूपी में बीजेपी की जीत का 'चाणक्य' अमित शाह नहीं बल्कि ये शख्स है
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने जीत हैट्रिक लगाई है। दूसरी बार बीजेपी देश के सबसे सूबे में अधिक सीटें पाने में सफल रही। इस भारी जीत का वैसे तो श्रेय मोदी और शाह की जोड़ी को दिया जा रहा है लेकिन यूपी में इस जीत के असली चाणक्य अमित शाह नहीं बल्कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल हैं। सुनील बंसल ने बूथ प्रबंधन से लेकर चुनाव प्रबंधन तक रोडमैप को लागू कर देश के सबसे बड़े प्रदेश में जीत की हैट्रिक लगाई। इसलिए यूपी में सुनील बंसल को बीजेपी का 'पीके' कहा जा रहा है।
सुनील बंसल शाह औऱ पीएम नरेंद्र मोदी फेवरेट माने जाते हैं
संघ बैकग्राउंड से संबंध रखने वाले सुनील बंसल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी फेवरेट माने जाते हैं। सुनील बंसल को लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में अमित शाह के सहयोगी के रूप में लाया गया था। हालांकि तब उन्हें इतनी खास तहरीज नहीं मिली थी। लेकिन ऐसे संकेत मिलने लगे थे कि बंसल के जरिये संघ यूपी में मिशन मोदी को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने यूपी के पंचायत चुनाव में जमीनी स्तर पर काम किया। यूपी चुनाव में बूथ मैनेजमेंट से लेकर अलग-अलग कैंपेन के जरिए पांच करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ने की रणनीति पर काम किया।
सुनील बंसल ने बूथ स्तर बड़े फेरदबदल किए
अमित शाह के सहयोग के चलते सुनील बंसल ने बूथ स्तर बड़ा फेरदबदल किया। उन्होंने प्रदेश संगठन में ओबीसी और दलित समुदायों में से कम से कम 1,000 नए कार्यकर्ताओं को नियुक्तयां की। इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव के दौरान हर बूथ पर औसतन 10 कार्यकर्ता नियुक्त किए। जिनके आधार पर बंसल ने जातीय समीकरणों के आधार पर प्रत्याशियों की रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी, उसके बाद ही उनके प्रत्याशियों के टिकट फाइनल किए गए। जिसका परिणाम हुआ कि 2014 आम चुनाव में भाजपा को यूपी में 80 में से 73 मिली। यही काम उन्होंने वर्ष 2017 में संगठन मंत्री के रूप में किया और बीजेपी अपने बूते 312 सीटों पर भारी जीत के दम पर सत्ता में आने में सफल रही।
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मिशन 2019 में भी अमित शाह ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी
मिशन 2019 में भी अमित शाह ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी। चुनाव प्रचार से लेकर बूथ मैनेजमेंट और आईटी सेल की जिम्मेदारी सुनील बंसल के पास थी। प्रत्याशियों के फीडबैक से लेकर किसे कहां से खड़ा करना है। जिसके तहत सुनील बंसल ने बीजेपी के एक करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ताओं से संवाद किया और फीडबैक लिया और उनकी यही रणनीति बीजेपी को यूपी में 50 फीसदी से ज्यादा वोट दिलाने सफल रही। जब उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बन रहा था तभी अमित शाह ने 51 फीसदी वोट का टारगेट तय किया था। क्योंकि बीजेपी को 2014 में 43 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन बंसल की शानदार रणनीति ने बीजेपी को यूपी में 60 से अधिक सीटों पर सफलता दिलाई।
बंसल ने यूपी में खड़ी की बीजेपी की आईटी सेल
जमीन के साथ-साथ सुनील बंसल की योजना का सोशल मीडिया अहम हिस्सा रही। यूपी में आईटी सेल के निर्माण का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है।बंसल ने हर लोकसभा क्षेत्र में आईटी कार्यकर्ता और सोशल मीडिया सम्मलेन कराये, जिनमें खुद भी हिस्सा लिया। इसके अलावा वार रूम में 90 लोगों की तैनाती कर एक-एक क्षेत्र की रिपोर्ट ली गई और हर लोकसभा क्षेत्र में इंटेलीजेंस के लिए 80 एक्सपर्ट भेजे गए। चुनाव के दौरान अकेले बंसल ने 60 लोकसभा क्षेत्रों में असंतुष्टों से संपर्क साधा और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया।
फुर्सत के पलों में बंसल देखते हैं 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा'
20 सितंबर सन 1969 को राजस्थान में जन्में सुनील बंसल बेहद सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं। बंसल अपने शुरुआती दिनों संघ से जुड़ रहे हैं। सुनील बंस ने 1989 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का पहला चुनाव लड़ा। इसमें वे एबीवीपी को जिताने में सफल रहे। सुनील बंसल को करीब से जाननें वाले बताते हैं कि बेहद तो बसंल बेहद शांत, खुशमिजाज और मिलनसार व्यक्ति हैं। बंसल टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा' तथा फुर्सत के पलों में फ़िल्में देखना पसंद करते हैं। सुनील बंसल के बारे में कहा जाता है कि वे एक कड़क छवि के नेता है और अमित शाह भी उनकी बात को गंभीरता से लेते हैं।
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