ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर जामिया में बीजेपी नेता शाजिया इल्मी का विरोध, ऐन वक्त पर हुआ फेरबदल
16 फरवरी के बजाय इवेंट की तारीख 28 फरवरी तय की गई और इसका विषय ट्रिपल तलाक से बदलकर मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण कर दिया गया।
नई दिल्ली। जामिया यूनिवर्सिटी में ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर आयोजित एक सेमिनार में बीजेपी नेता शाजिया इल्मी को बोलने से रोक दिया गया। आयोजकों ने ऐन वक्त पर न सिर्फ इवेंट का समय बदल दिया बल्कि वक्ताओं की लिस्ट से शाजिया इल्मी का नाम भी हटा दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाजिया इल्मी 16 फरवरी को ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर होने वाले सेमिनार में हिस्सा लेने वाली थीं।
'छात्र
नहीं
चाहते
बीजेपी
नेता
जामिया
आएं'
आयोजकों
ने
न
सिर्फ
कार्यक्रम
की
तारीख
बदली
बल्कि
इसका
विषय
भी
बदल
दिया।
16
फरवरी
के
बजाय
इवेंट
की
तारीख
28
फरवरी
तय
की
गई
और
इसका
विषय
ट्रिपल
तलाक
से
बदलकर
मुस्लिम
महिलाओं
का
सशक्तिकरण
कर
दिया
गया।
शाजिया
इल्मी
ने
कहा,
'आयोजकों
ने
मुझे
ट्रिपल
तलाक
के
मुद्दे
पर
बोलने
से
रोक
दिया।
ऐसा
जामिया
के
छात्र
संगठन
के
विरोध
पर
किया
गया।
जामिया
के
छात्र
नहीं
चाहते
कि
बीजेपी
नेता
कैंपस
में
आएं
और
बात
रखें।'
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कौर
पर
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सरकार
के
मंत्री
अनिल
विज
का
बड़ा
बयान
'मुझे
क्यों
नहीं
बोलने
दिया
गया'
शाजिया
ने
दिल्ली
यूनिवर्सिटी
में
एबीवीपी
और
वामपंथी
छात्र
संगठनों
के
बीच
हुई
झड़प
का
उदाहरण
देते
हुए
कहा,
'लोग
उमर
खालिद
का
विरोध
करने
की
वजह
से
एबीवीपी
पर
आरोप
मढ़
रहे
हैं
लेकिन
मैं
तो
जामिया
की
छात्रा
रही
हूं,
मेरा
ट्रैक
रिकॉर्ड
वहां
अच्छा
रहा
है
फिर
मुझे
क्यों
नहीं
बोलने
दिया
गया?'
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समर्थकों
पर
हमले
का
आरोप
बीजेपी
को
बनाया
जा
रहा
है
निशाना
शाजिया
ने
कहा,
'कोई
भी
बीजेपी
और
एबीवीपी
के
उत्पीड़न
पर
बात
नहीं
करता।
मीडिया
में
बीजेपी
के
खिलाफ
नेगेटिव
बातें
फैलाई
जा
रही
हैं।'
डीयू
के
रामजस
कॉलेज
में
एबीवीपी
और
आइसा
के
बीच
हुई
झड़प
से
एक
बार
फिर
राष्ट्रवाद
को
लेकर
बहस
छिड़
गई।
इस
मामले
में
एबीवीपी
पर
डीयू
स्टूडेंट
गुरमेहर
कौर
के
बयान
से
और
भी
हंगामा
बढ़
गया।
सोशल
मीडिया
पर
कुछ
लोगों
ने
गुरमेहर
को
धमकी
भी
दी।