भाजपा नेता बोले, हिंदू या मुस्लिम चुने अपना दुश्मन
भाजपा नेता बोले हिंदू या मुस्लिम आपको अपना दुश्मन चुनना होगा, राज्य के लोगों से कहा कि अपना दुश्मन चुन लीजिए, या तो 1.5 लाख या 55 लाख लोग।
गुवाहाटी। असम में भाजपा नेता ने हिंदू और मुस्लिम के बीच फासले को लेकर एक बड़ा विवादित बयान दिया है। उन्होंने यहां के लोगों से हिंदू या मुस्लिम में से एक को चुनने को कहा है।
भाजपा के नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रैटिक एलाएंस के संयोजक हेमंत विश्व शर्मा ने राज्य के लोगों से कहा है कि अपना दुश्मन चुन लीजिए, या तो 1.5 लाख या 55 लाख लोग। हेमंत प्रदेश में सरकार में मंत्री भी हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में शर्मा के इन बयानों को लिखा है।
आंकड़ों
पर
सफाई
नहीं
दी
हालांकि
हेमंत
ने
इन
आंकड़ों
को
धर्म
विशेष
से
नहीं
जोड़ा
है,
लेकिन
उन्होंने
यहा
जवाब
उस
समय
दिया
जब
वह
विपक्ष
के
असम
की
नागरिकता
विधेयक
पर
जवाब
दे
रहे
थे।
क्या
कहता
है
आंकड़ा
बांग्लादेश
से
असम
में
आए
बांग्लादेशी
प्रवासियों
की
आधिकारिक
संख्या
का
आंकड़ा
सामने
नहीं
है,
लेकिन
राजनीतिक
दल
इस
बात
का
दावा
करते
हैं
कि
प्रदेश
में
तकरीबन
55
लाख
बांग्लादेशी
प्रवासी
हैं।
लेकिन
1
या
1.5
लाख
का
आंकड़ा
साफ
नहीं
होता
है
कि
शर्मा
किस
ओर
इशारा
कर
रहे
हैं।
ऐसे
ही
रहा
तो
हमारी
आबादी
खत्म
हो
जाएगी
विधेयक
की
वकालत
करते
हुए
शर्मा
ने
कहा
कि
हमें
इस
बात
का
निर्णय
लेना
है
कि
कौन
हमारा
दुश्मन
है।
ये
1-
1.5
लाख
लोग
या
55
लाख
लोग?
असम
के
लोग
चौराहे
पर
खड़े
हैं,
हम
11
जिलों
को
नहीं
बचा
पाए।
अगर
हम
ऐसे
ही
रहे
तो
6
और
जिले
हमारे
हाथ
से
2021
तक
चले
जाएंगे,
फिर
2031
में
और
जिले
चले
जाएंगे।
विधेयक
का
विरोध
करने
वालों
का
धर्म
देखें
एक
तरफ
जहां
शर्मा
ने
11
जिलों
का
जिक्र
किया
है
तो
दूसरी
तरफ
2011
के
जनगणना
के
आंकड़े
बताते
हैं
कि
9
जिले
मुस्लिम
बाहुल्य
हैं,
जोकि
2001
में
6
थे।
शर्मा
ने
कहा
कि
जो
लोग
विधेयक
का
विरोध
कर
रहे
हैं
उनके
धर्म
को
देखने
की
जरूरत
है,
वह
असम
की
अल्पसंख्यक
जाति
को
खत्म
करना
चाहते
हैं।
नए
विधेयक
में
इस
बात
का
प्रस्ताव
रखा
गया
है
कि
हिंदू,
सिख,
बौद्ध,
जैन,
सिख
और
पारसियों
को
नागरिकता
दी
जाएगी।
इन
लोगों
के
साथ
पाकिस्तान
और
बांग्लादेश
काफी
अत्याचार
हो
रहा
है,
जिसके
चलते
ये
लोग
बिना
वैध
दस्तावेजों
के
भारत
में
आ
रहे
हैं।
हिंदू-मुस्लिम
में
भेद
भाजपा
की
नीति
वहीं
जब
शर्मा
से
पूछा
गया
कि
क्या
बांग्लादेश
से
आ
रहे
हिंदू
और
मुसलमान
में
भेद
करना
भाजपा
की
नीति
का
हिस्सा
है
तो
उन्होंने
कहा
हां
है।
हम
यह
साफ
तौर
पर
करते
हैं,
देश
का
बंटवारा
धर्म
के
नाम
पर
ही
हुआ
था,
ऐसे
में
यह
नई
चीज
नहीं
है।
शर्मा ने कहा कि इस बात की कोई विवेचना नहीं की गई कि हम किस आधार पर अल्पसंख्यक हैं, सिर्फ धर्म को ही इसका आधार माना गया। ऐसे में हमें अब इस बात का फैसला करना होगा कि खुद को बचाने के लिए आप किस ओर जाना चाहते हैं।
शर्मा
ने
कहा
कि
जब
हम
डिब्रूगढ़
जाते
हैं
तो
हमें
काफी
अच्छा
लगता
है,
हम
वहा
बहुसंख्यक
हैं।
लेकिन
जब
आप
धुबरी
या
बारपेटा
जाते
हैं
तो
क्या
आपको
अच्छा
लगता
है।
इन
दोनों
ही
जगहों
पर
मुस्लिम
बाहुल्यता
में
हैं।
बंगाली
बोलने
वाले
हिंदुओं
को
बचाना
है
भाजपा
नेता
यहीं
नहीं
रुके
उन्होंने
कहा
कि
भाजपा
बंगाली
बोलने
वाले
हिंदू
प्रवासियों
को
बचाना
चाहती
है,
हम
उन
लोगों
को
बंगाली
बोलने
वाले
मुसलमानों
से
अलग
रखना
चाहते
हैं।
हम
चाहते
हैं
कि
बंगाली
बोलने
वाले
हिंदू
असम
के
लोगों
के
साथ
रहे,
यह
भाजपा
का
मत
है,
जोकि
बदला
नहीं
है।
यह
नीति
चुनाव
से
पहले
और
चुनाव
के
बाद
वैसी
ही
है,
इसमें
कोई
भी
बदलाव
नहीं
किया
गया
है।
शर्मा ने यह सारे बयान उस वक्त दिए जब वह अपनी पुस्तक के विमोचन के मौके पर मीडिया से बात कर रहे थे, इस दौरान भाजपा नेता राम माधव भी मौजूद थे।