CAA पर केरल सरकार की याचिका के खिलाफ बीजेपी नेता ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
नई दिल्ली। केरल सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, केरल सरकार के इस फैसले के खिलाफ राज्य के बीजेपी नेता कुम्मनम राजाशेखरन ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई राज्यों में विरोध हो रहा है, गैर-बीजेपी शासित राज्य पहले ही कह चुके हैं कि वे इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं करेंगे।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। केरल सरकार ने इसके लिए आर्टिकल 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में शूट दाखिल किया है। केरल पहला राज्य है जिसने नागरिकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं, केरल सरकार के इस फैसले से राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान नाराज हैं।
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसले को प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया। राज्यपाल ने कहा कि वह ये देखेंगे कि क्या राज्य सरकार बिना राज्यपाल की अनुमति के सुप्रीम कोर्ट जा सकती है या नहीं। राज्यपाल ने कहा कि वह ये नहीं कह रहे हैं कि जो उन्होंने (राज्य सरकार) ने फैसला लिया, वो गलत है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करना किसी का भी संवैधानिक अधिकार है। लेकिन सामान्य शिष्टाचार कहता है कि उन्हें मुझसे पूछना चाहिए था, या फिर मुझे इसकी कुछ जानकारी देनी चाहिए थी।
वहीं, केरल के नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर केस दर्ज किया जा रहा है। ये फासीवादी प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि सीएम पिनराई विजयन इस मुद्दे पर दिखाना चाहते हैं कि वे एक्ट का विरोध कर रहे हैं और जनता से एनपीआर के मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं।