कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे को 11 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जमानत अर्जी रद्द
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। उन्हें नगर पालिका के अधिकारी के साथ कथित रूप से मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कोर्ट ने 7 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आकाश की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में उनके पेशी से पहले बड़ी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठा हो गए, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया था।
जमानत
याचिका
खारिज
आकाश
के
वकील
पुष्यमित्र
भार्गव
ने
बताया
कि
पुलिस
ने
आकाश
को
फर्जी
मामले
में
गिरफ्तार
किया
गया,
जिसके
बाद
उन्हें
कोर्ट
में
पेश
किया
गया।
हमने
इस
मामले
में
आकाश
की
जमानत
की
अपील
की
थी,
लेकिन
कोर्ट
ने
इसे
खारिज
कर
दिया
है।
हमने
इस
मामले
में
जिला
जज
से
अपील
की
है।
बता
दें
कि
बुधवार
को
इंदौर
पुलिस
ने
आकाश
को
गिरफ्तार
कर
लिया
था।
उनपर
आरोप
है
कि
उन्होंने
क्रिकेट
बैट
से
नगर
पालिका
के
अधिकारी
की
पिटाई
की
थी।
कई
थप्पड़
रसीद
किए
अवैध
कब्जे
के
खिलाफ
चल
रहे
अभियान
में
शामिल
अधिकारी
ने
आरोप
लगाया
कि
उनके
साथ
आकाश
ने
मारपीट
की
है
और
लोगों
के
सामने
उन्होंने
मुझे
तीन
थप्पड़
मारे।
यही
नहीं
उनके
साथ
मौजूद
कुछ
लोगों
ने
भी
उनका
कॉलर
पकड़
लिया
और
उन्हें
तमाचे
रसीद
किए।
यही
नहीं
एक
अज्ञात
व्यक्ति
ने
अधिकारी
की
शर्ट
तक
फाड़ने
की
कोशिश
की।
घटना
के
बाद
आकाश
ने
मीडिया
से
बात
करते
हुए
कहा
कि
स्थानीय
कांग्रेस
विधायक
नगर
पालिका
के
अधिकारियों
के
साथ
मिलकर
बिल्डिंग
को
गिरा
रहे
थे।
हमने
कई
बार
रुकने
की
अपील
की,
लेकिन
अधिकारी
ने
उनकी
बात
को
अनसुना
कर
दिया,
अधिकारी
ने
अपने
गुंडे
भेजकर
इलाके
को
खाली
कराया
था।
अवैध
कब्जा
हटाने
पहुंची
थी
टीम
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
बुधवार
को
इंदौर
नगर
निगम
की
टीम
शहर
में
चिन्हित
किए
गए
26
अति
खतरनाक
मकानों
में
से
एक
गंजी
कंपाउंड
इलाके
में
मकान
तोड़ने
पहुंची
थी।
निगम
की
टीम
को
देखकर
वहां
रहने
वाले
लोगों
ने
विरोध
करना
शुरू
कर
दिया
और
स्थानीय
विधायक
आकाश
को
सूचना
देकर
मौके
पर
बुला
लिया।
इस
बीच
मौके
पर
पहुंचे
विधायक
आकाश
औऱ
निगम
के
अधिकारियों
के
बीच
बहस
शुरू
हो
गई।
विधायक
के
आते
ही
कार्यकर्ताओं
ने
जेसीबी
की
चाबी
निकाल
ली।
सबके
सामने
दी
धमकी
विधायक
ने
निगम
अधिकारियों
और
कर्मचारियों
को
धमकी
भरे
लहजे
में
चेतावनी
देते
हुए
कहा
कि,
10
मिनट
में
यहां
से
निकल
जाना
वर्ना
जो
होगा
उसकी
जिम्मेदारी
आप
लोगों
की
होगी।
निगम
कर्मचारियों
ने
विधायक
को
समझाने
का
प्रयास
किया।
इस
दौरान
जमकर
तू-तू
मैं-मैं
हुई
और
विवाद
बढ़
गया।
इसी
बीच
विधायक
अपना
आपा
खो
बैठे
और
क्रिकेट
बैट
से
निगम
कर्मचारियों
को
पीटना
शुरू
कर
दिया।
कैमरे
के
सामने
विधायक
ने
अधिकारी
को
कई
बार
बैट
से
मारा।
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