इस बार गोपीनाथ मुंडे के लिए अनलकी साबित हुआ नंबर 3
तीन मई 2006 को ही बीजेपी के एक और कद्दावर नेता प्रमोद महाजन की मौत हुई थी। 22 अप्रैल को प्रमोद महाजन के छोटे भाई प्रवीन महाजन ने उनके फ्लैट में दाखिल होकर उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी। प्रमोद को अस्पताल ले जाया गया। आखिरकार 3 मई 2006 को उन्होंने दम तोड़ दिया।
प्रमोद महाजन की मौत के ठीक एक महीने बाद ही यानी 3 जून 2006 को नई दिल्ली के एक होटल में प्रमोद महाजन के पर्सनल सेक्रेटी विवेक मोइत्रा की मौत हो गई और उनके बेटे राहुल महाजन होटल के कमरे में बेहोश पाए गए।
बताया जाता है कि दोनों ने होटल में ही ड्रग्स कंज्यूम की। ओवरडोज की वजह से जहां मोइत्रा की मौत हो गई तो वहीं राहुल बेहोश हो गए थे।
अपने भाई प्रमोद महाजन की हत्या के आरोप में जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे प्रवीण महाजन की मौत भी 3 मार्च 2010 को हो गई थी। बताते हैं कि ब्रेन हैमब्रेज की वजह से प्रवीण ने इलाज के बावजूद दम तोड़ दिया था।
इन हादसों के बाद कोई कितने भी तर्क दे इस बात को साबित करने के लिए 3 नंबर से कुछ नहीं होता, महाजन और मुंडे परिवार शायद ही उस पर भरोसा कर पाएगा।