बच्चों की मौत पर बीजेपी सांसद भड़के, नीतीश कुमार पर उठाए सवाल
पटना। बीजेपी नेता डॉ. सीपी ठाकुर ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण हुई मौत के मुद्दे पर बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाए हैं। अपनी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि सरकार प्रकोप के समय ही सक्रिय मोड में आती है, जब इसे रोकने के लिए पहले से सक्रिय होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बीमारी को लेकर सरकार देर से जागी। सरकार ने बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया। सीपी ठाकुर ने अपने फेसबुक पोस्ट में सरकार की सक्रियता पर सवाल खड़े किए हैं।
सीपी ठाकुर ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा कि, बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में एईएस से हो रही बच्चों की मौत पर गहरी चिंता प्रकट करता हूँ। सरकार को इस बीमारी को और गम्भीरता से लेना चाहिये। इस बीमारी के कारणों का पता लगाना ज़रूरी है और भविष्य में ऐसी बीमारी न हो इसके लिए रिसर्च पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। यह कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि पिछले कई वर्षों से एक ही क्षेत्र और एक ही समय में हो रही है।
उन्होंने आगे लिखा कि, 1995 से ही यह रहस्यमय बीमारी यहां बच्चों को अपना शिकार बनाती आई है। हर साल मई और जून के महीने में बिहार के विभिन्न कस्बे इस बीमारी की चपेट में आते हैं और बच्चों के मरने का सिलसिला शुरू हो जाता है। जब यह बीमारी आती है तब सरकार सक्रिय होती है जबकि इसके लिए सरकार को पहले ही इससे बचने के लिए तैयार रहना होगा। साथ ही इसपर लगातार शोध होते रहना चाहिए तभी इस बीमारी की वजह का पता चल पाएगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री जी को ख़ुद इस विषय को देखना चाहिए। इस पर उन्हें विचार करना चाहिए। इसका विश्वस्तरीय शोध कराना अतिआवश्यक है। अगर यह बीमारी लीची खाने से हो रही है तो उसकी भी उच्चस्तरीय जांच हो। बता दें कि बिहार में मस्तिष्क ज्वर सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अबतक 130 बच्चों की मौत हो चुकी है। उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में महामारी का रूप ले चुके चमकी बुखार (एईएस) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है।
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