आखिर क्यों देवेंद्र फडणवीस को इतने कम समय के लिए बनाया गया CM, अनंत कुमार ने किया खुलासा
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जिस तरह से चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और उसके बाद तमाम सियासी ड्रामे के बीच देवेंद्र फड़णवीस ने अजित पवार के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार का गठन किया, उसपर काफी हंगामा हुआ। फडणवीस के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद एनसीपी-कांग्रेस व शिवसेना ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिसके बाद आखिरकार फडणवीस को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन इस पूरे प्रकरण पर भाजपा नेता अनंत कुमार हेगड़े ने अजीबो गरीब बयान दिया है।
फंड का गलत इस्तेमाल हो सकता था
अनंत कुमार अक्सर अपने बयान की वजह से विवादों में रहते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस सरकार के तीन दिन के कार्यकाल की वजह हेगडे ने केंद्र सरकार द्वारा दिया गया फंड बताया है। हेगडे ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए 40000 करोड़ रुपए का अधिकार होता है और वह इस पैसे को सरकार की तमाम योजनाओं के लिए आवंटित कर सकता है। फडणनवीस को इस बारे में पता था कि अगर एनसीपी-शिवसेना व कांग्रेस की सरकार बनती है तो इस फंड का गलत इस्तेमाल होगा।
15 घंटों के भीतर लिया फैसला
हेगडे ने कहा कि केंद्र के फंड का दुरुपयोग बचाने के लिए इस ड्रामे को करने का फैसला लिया गया और देवेंद्र फडणवीस प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें। मुख्यमंत्री बनने के महज 15 घंटों के भीतर उन्होंने 40000 करोड़ रुपए वापस केंद्र सरकार को भेज दिए। बता दें कि दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस महज तीन दिन ही सीएम की कुर्सी पर रहे, जिसके बाद अजित पवार ने अपने पद से उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा पर साधा निशाना
बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में आज शिवसेना की ओर से भाजपा और देवेंद्र फडणवीस पर जमकर निशाना साधा गया है। सामना ने अपने संपादकीय में लिखा है कि विधानसभा में 170 की संख्या को देखकर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में विपक्ष भाग खड़ा हुआ। यही नहीं रविवार को विधानसभा स्पीकर के पद पर नाना पटोले का निर्विरोध चयन हुआ। यह इसलिए हुआ क्योंकि भाजपावालों की आंख और दिमाग में 170 का आंकड़ा घुस गया। यही वजह है कि उन्हें विधानसभा स्पीकर के चुनाव से पीछे हटना पड़ा। अब अगले पांच वर्षों तक भाजपा को पीछे हटने की आदत डालनी होगी।
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