जेपी नड्डा बोले- मोदी सरकार ने कोरोना के बीच अर्थव्यवस्था का अच्छा ध्यान रखा, जरूरी कदम भी उठाए
मोदी सरकार ने कोरोना के बीच अर्थव्यवस्था का अच्छा खयाल रखा: नड्डा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि कोरोना महामारी के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को अच्छे से संभाला है। शनिवार को ओडिशा प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी बैठक को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोविड19 महामारी के मद्देनजर 130 करोड़ देशवासियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए। इसके साथ ही आपदा को अवसर में बदलने के उद्देश्य से अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखा। नड्डा का ये बयान ऐसे समय आया है जब चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी करीब 24 फीसदी गिरी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
मोदी लॉकडाउन लागू करने में झिझके नहीं: नड्डा
जेपी नड्डा ने कहा, कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने में बड़े शक्तिशाली राष्ट्र असहाय महसूस कर रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन लागू करने का फैसला लेने में झिझके नहीं क्योंकि लोगों की सुरक्षा का सवाल था। लॉकडाउन को इस महामारी के खिलाफ एक हथियार के रूप में उचित समय पर लागू किया गया और इसे प्रभावी तरीके से देशभर में क्रियान्वित भी किया गया। यहां तक संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने भी इस दिशा में उठाए गए कदमों के लिए भारत की सराहना की।
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भाजपा का काम लॉकडाउन में भी जारी रहा
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, जब देश में लॉकडाउन लागू किया गया तब देश में कोविड-19 से लड़ाई के लिये एक भी समर्पित अस्पताल नहीं था, जबकि आज ऐसे अस्पतालों की संख्या 1500 से ज्यादा है और करीब 2.50 लाख से ज्यादा बिस्तर उपलब्ध हैं। इसी प्रकार कोविड जांच की क्षमता को प्रतिदिन 1,500 से बढ़ाकर 10.10 लाख तक पहुंचाया गया। नड्डा ने कहा कि लॉकडाउन के बाद भाजपा को छोड़कर देश के सभी राजनीतिक निष्क्रिय हो गए। ऐसी विषम परिस्थिति में भाजपा ने डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए जनता से संवाद बनाए रखा और उनकी सेवा को तत्पर रही। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज आपदा को अवसर में बदलने का मौका है। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से आग्रह करूंगा कि आप इस अभियान के बारे में अच्छे से अध्ययन कर लोगों को उसके लाभ बताएं।
शिक्षा नीति पर कही ये बात
नड्डा ने शिक्षक दिवस के मौके पर नई शिक्षा नीति की बात करते हुए कहा कि पहले हमारे समय में रटना पड़ता था ताकि परीक्षाओं में वो सब लिख आए जो हमें आता है या जो हम जानते हैं। अब नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को ऐसा नहीं करना पड़ेगा नई शिक्षा नीति के तहत रट्टाफिकेशन करने की को जरुरत नहीं पड़ेगी लेकिन हां, हर किसी को वैचारिक ज्ञान और महत्वपूर्ण विश्लेषण को लेकर चिंता करने की जरुरत है।
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