Video:सोनिया गांधी का पुराना वीडियो शेयर कर BJP चीफ नड्डा बोले, किसानों पर कांग्रेस का सच फिर उजागर हुआ
Video:सोनिया गांधी का पुराना वीडियो शेयर कर BJP चीफ नड्डा बोले, किसानों पर कांग्रेस का सच फिर उजागर हुआ
BJP JP nadda on sonia gandhi Over farmers Law: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन (kisan andolan) लगभग एक महीने से जारी है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल से किसानों के लिए ''काला कानून'' बता रहे हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक पुराना वीडियो शेयर कर तंज कसा है। जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी का एक पुरानी वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है और लिखा है, किसानों पर कांग्रेस का सच फिर उजागर हुआ। जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया।
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जेपी नड्डा ने ट्वीट कर क्या लिखा?
बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने लिखा, ''किसानों को भ्रमित करने और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखने वाली कांग्रेस का सच फिर उजागर हुआ है। सोनिया गांधी जी पहले किसानों के लिए बिचौलिया मुक्त बाजार की वकालत करती थी और अब इसका विरोध करती है। ये कांग्रेस की मौकापरस्त सोच, कम जानकारी व बार-बार बात से पलटने का प्रमाण है।''
वीडियो में सोनिया गांधी क्या बोल रही हैं?
बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी के जिस पुराने वीडियो को शेयर किया है, उस वीडियो में सोनिया गांधी किसी मंच से किसानों के बारे में भाषण दे रही हैं। सोनिया गांधी वीडियो में कहती हैं, ''किसानों की फसल सस्ते से सस्ते दामों में खरीदी जाती है और महंगे से महंगे दामों में शहर में बेची जाती है। मैं पूछना चाहती हूं कि क्या किसानों का हक नहीं बनता है कि उनकी पैदावार की सही कीमत उन्हें मिले? क्या शहर में आम इंसान का ये हक नहीं बनता है कि रोजमरा की जरूरत की चीजें उन्हें भी सही दाम पर मिले? ये तब सम्भव होगा जब किसान बिना किसी बिचौलिए के अपनी पैदावर और चीजें शहर तक पहुंचाएंगे।''
kisan andolan: किसानों की क्या है मांग?
दिल्ली की अलग-अलग सीमा पर पिछले 29 दिनों से तीन नए कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। आंदोलन कर रहे है किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार बिना किसी शर्त के तीनों कानूनों को निरस्त करने पर राजी होती है तो ही वो धरना खत्म करने के बारे में विचार करेंगे। किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की इस दौरान कई बार बैठक भी हो चुकी है लेकिन वो सारी वार्ता बेनतीजा रही है।