2019 में लोकसभा चुनाव के साथ 11 राज्यों में चुनाव कराने की तैयारी में भाजपा!
Recommended Video
नई दिल्ली। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ भाजपा 11 अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की तैयारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाते हुए 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराना चाहती है। भाजपा के इस विचार का विपक्षी दल यह कहते हुए विरोध कर रहे थे कि इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत पड़ेगी, लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है कि इसके लिए संविधान में किसी भी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है।
इन राज्यों में हो सकते हैं चुनाव
आपको बता दें कि अगले वर्ष के मध्य तक ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में चुनाव होना है। यही नहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र, मिजोरम, बिहार में भी तारीखों में कुछ हद तक बदलाव करके चुनाव कराया जा सकता है। लिहाजा भाजपा इसकी तैयारी कर रही है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही इन राज्यों में भी चुनाव करा लिए जाए। माना जा रहा है कि इसके लिए जो रास्ता अपनाया जाएगा वह राष्ट्रपति शासन है।
राष्ट्रपति शासन है विकल्प
जिन राज्यों में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की तारीखों के करीब चुनाव होना है, वहां कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाकर एक साथ चुनाव कराया जा सकता है। इन तमाम राज्यों में एक साथ अगले वर्ष अप्रैल-मई माह तक चुनाव कराए जा सकते हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम में इस वर्ष के अंत तक नवंबर-दिसंबर में चुनाव होना है, ऐसे में इन राज्यों में कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
इन जगहों पर हो सकते हैं चुनाव
वहीं हरियाणाा, झारखंड और महाराष्ट्र की बात करें तो यहां भी अगले वर्ष नवंबर-दिसंबर माह में चुनाव होना है, जबकि बिहार में चुनाव 2020 में होना है। ऐसे में इन राज्यों में एनडीए की सरकार है, लिहाजा यहां पर विधानसभा को समय से पहले भी भंग करके लोकसभा चुनाव के साथ ही चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि अलग-अलग दल एक साथ इन राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराए जाने के पक्ष में नहीं हैं।
इसे भी पढ़ें- 2019 Poll: सोशल मीडिया पर हेट स्पीच के खिलाफ चुनाव आयोग की बड़ी तैयारी
खुद पीएम मोदी हैं इसके पक्ष में
लेकिन जिस तरह से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक देश एक चुनाव की वकालत कर रहे हैं, उसे देखा जाए तो एक साथ इन राज्यों में चुनाव कराए जा सकते हैं। पीएम मोदी का कहना है कि अलग-अलग राज्यों के चुनाव अलग-अलग कराए जाने से खर्च काफी बढ़ जाता है, लिहाजा सभी राज्यों के चुनाव लोकसभा के साथ ही कराने चाहिए, इससे ना सिर्फ पैसे बल्कि समय की भी बचत होगी और तमाम सरकारी कर्मचारियों को भी बार-बार होने वाले चुनाव से मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा।
संघीय ढांचे के खिलाफ
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस, टीएमसी, आप, डीएमके, टीडीपी, जेडीएस, लेफ्ट पार्टियों ने एक देश एक चुनाव के विचार का विरोध किया है। इन तमाम दलों ने इस विचार को संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है। हाल ही में लॉ कमीशन की ओर से एक पत्र सामने आया था कि जिसमे एक साथ 2019 में में चुनाव कराए जाने की बात कही थी। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी इस विचार के बारे में फिर से बयान देते हुए कहा था कि विपक्षी दल जानबूझकर इस विचार का विरोध कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- शिवसेना का पीएम मोदी पर हमला, कहा- अगर ई-मेल पर इंटरव्यू देते रहे तो पत्रकारों की नौकरी चली जाएगी