मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक ने क्यों कहा.....बीजेपी तो मेरा घर है
नई दिल्ली- मध्य प्रदेश में दो विधायकों की बगावत ने बीजेपी लीडरशिप को आशंकित कर दिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के जो विधायक शुरू से हिंदुत्व की विचारधार से जुड़े नहीं रहे हैं या फिर किसी दूसरी जगह से पार्टी में आकर भाजपा के विधायक बने हैं, उनको लेकर पार्टी नेताओं को एक तरह की चिंता सता रही है। कांग्रेस दावा भी कर रही है कि 5 से लेकर 8 बीजेपी विधायक तक उसके साथ आ सकते हैं। ऐसा ही एक नाम मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक संजय सत्येंद्र पाठक का भी है, जिनके पिता भी प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता रह चुके हैं।
किन-किन विधायकों को लेकर बीजेपी है आशंकित?
मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी और शहडोल के ब्योहारी से विधायक शरद कोल ने बीजेपी को जितना बड़ा झटका दिया है, उसके बारे में पार्टी ने शायद कभी सोचा भी नहीं था। अब पार्टी को यही चिंता खा रही है कि जो विधायक पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस से आए हैं या पहले निर्दलीय थे, कहीं वे भी किसी लालच में धोखा न दे जाएं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे दो विधायक विंध्य क्षेत्र से, दो सेंट्रल मध्य प्रदेश से, दो बुंदेलखंड से और दो ही महाकौशल इलाके के हैं, जिनको लेकर पार्टी के चिंतक बेहद परेशान हैं। इनमें भी पार्टी उनको लेकर सबसे ज्यादा सोच में पड़ी हुई है, जिनका किसी वजह से मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ निजी ताल्लुकात रहा है। ऐसे लोगों में सीहोर के विधायक सुदेश राय और सिवनी के दिनेश राय 'मुनमुन' का नाम भी लिया जा रहा है, जिनके आने वाले दिनों में कांग्रेस के साथ जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सबसे अमीर विधायक को लेकर क्या है चर्चा?
जिन विधायकों का बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने के कयास चल रहे हैं उसमें सबसे पहला और सबसे बड़ा नाम कटनी जिले के विजयराघोगढ़ के भाजपा विधायक संजय सत्येंद्र पाठक का है। पाठक अपने कांग्रेसी बैकग्राउंड की चर्चा खुलकर करते हैं। उनका कहना है कि, "सब लोग जानते हैं कि मेरे पिता सत्येंद्र पाठक सिर्फ 1993 और 1998 में कांग्रेस एमएलए ही नहीं थे, बल्कि पिछली दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री भी थे। वे मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई में संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे थे। मैं मौजूदा कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों से अक्सर मिलता रहता हूं, क्योंकि उनमें से कई मेरे बचपन के दोस्त हैं। असल में कैबिनेट के 28 में से 26 मंत्री मेरे दोस्त हैं।" यही कारण है कि जब वे एक मंत्री से मिलने सचिवालय पहुंचे तो ऐसी खबरें आईं कि वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी मिले हैं। लेकिन उन्होंने इसका खंडन किया है।
बीजेपी मेरा घर- संजय सत्येंद्र पाठक
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी राहत की खबर यही है कि कांग्रेस का ऐसा बैकग्राउंड होने के बावजूद भी पाठक बीजेपी को ही अपना घर मानते हैं और हमेशा पार्टी में ही रहने का वादा कर रहे हैं। उन्होंने कहा है,"मेरा कांग्रेसी बैकग्राउंड है, मेरे कांग्रेस में शामिल होने की अफवाहें उड़ती रहती हैं। लेकिन, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अब बीजेपी ही मेरा घर है और मैं हमेशा यही रहूंगा।"
कितनी है संजय सत्येंद्र पाठक की संपत्ति
पाठक अपने पिता के चुनाव क्षेत्र विजयराघोगढ़ से 2008 और 2013 में कांग्रेस की टिकट पर चुने गए। 2014 में वे बीजेपी में शामिल हुए और उपचुनाव में बीजेपी की टिकट पर जीत गए। 2018 में भी वे उसी क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर ही विधायक बने। चार बार विधायक रहे पाठक मध्य प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं। वे इस समय मध्य प्रदेश के सबसे अमीर एमएलए हैं जिनकी कुल संपत्ति करीब 216 करोड़ रुपये की है।
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