उद्धव ठाकरे के 'हिंदुत्व' पर बीजेपी का पलटवार, 'सावरकर की प्रशंसा पर एक शब्द भी नहीं बोल पाए'
उद्धव ठाकरे के 'हिंदुत्व' पर बीजेपी का पलटवार, 'सावरकर की प्रशंसा पर एक शब्द भी नहीं बोल पाए'
मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thakeray) रविवार (25 अक्टूबर) को शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा। उद्धव ठाकरे के भाषण पर महाराष्ट्र बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि उद्धव ठाकरे सावरकर स्टेडियम से दशहरा रैली तो करते हैं, लेकिन उनकी प्रशंसा पर एक शब्द भी नहीं बोल पाए। शायद वो डर गए। दादर स्थित सावरकर ऑडिटोरियम में उद्धव ठाकरे दशहरा रैली का आयोजन किया था। ठाकरे ने रैली में बीजेपी पर कोरोना वैक्सीन, बिहार चुनाव, सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। ठाकरे बीजेपी को महाराष्ट्र सरकार गिराने की भी चुनौती दी।
सावरकर पर क्यों नहीं बोले उद्धव ठाकरे: रामकदम
महाराष्ट्र बीजेपी नेता रामकदम ने ट्वीट कर उद्धव पर निशाना साधा। उन्होंने रविवार (25 अक्टूबर) की देर रात ट्वीट करते हुए लिखा, ''शिवसेना ने दशहरा रैली सावरकर सभागार से आयोजित करके हिंदुत्व पर सीख दी है। लेकिन सवाल यह है कि सीएम उद्धव वीर सावरकर की प्रशंसा का एक भी शब्द क्यों नहीं बोले? शायद वो अपने नए दोस्तों से डरते हैं, जो वीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बयानों का बार-बार इस्तेमाल करते रहे हैं।''
CM @OfficeofUT gave a lesson on Hindutva from Savarkar Smarak in Sena's Dasra melava. Question is why didn't he a utter a single word of praise for Veer Savarkar. Probably, he is afraid of his new friends who have been repeatedly using derogatory remarks against Veer Savarkar.
— Ram Kadam - राम कदम (@ramkadam) October 25, 2020
'शिवसेना ने सत्ता के लिए हिंदुत्व से समझौता किया'
महाराष्ट्र बीजेपी के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा, सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व से समझौता किया है। ठाकरे ने कांग्रेस के सावरकर की आलोचना पर एक भी शब्द नहीं बोला है। उन्हें सावरकर स्टेडियम से दशहरा रैली को संबोधित करना पड़ा। यह कैसा आदर्श न्याय है।
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'उद्धव के भाषण में ना तो धर्मनिरपेक्षता थी और ना ही हिंदुत्व'
बीजेपी विधायक अतुल भटखल्कर ने कहा कि उद्धव ठाकरे के दशहरा भाषण में ना तो धर्मनिरपेक्षता थी और ना ही हिंदुत्व था। हम उद्धव ठाकरे को बताना चाहते हैं कि हम में से जो 'काली टोपी' पहनते हैं, उनके पास दिमाग है और हम सीएम पद के लिए हिंदुत्व के मूल्यों का व्यापार नहीं करते हैं। बता दें कि उद्धव ठाकरे अपने संबोधन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के लिए 'काली टोपी' शब्द का प्रयोग किया था।
उद्धव ठाकरे ने क्या-क्या कहा?
दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा, 'जिस दिन से सीएम बना हूं तब से यही कहा जा रहा था कि राज्य सरकार गिर जाएगी। आज मैं चुनौती देता हूं और कहता हूं कि अगर आपमें हिम्मत है तो ऐसा करके दिखाओ।' उद्धव ठाकरे बोले, 'हमसे हमारे हिंदुत्व के बारे में बार-बार पूछा जाता है...वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हम राज्य में मंदिरों को नहीं खोल रहे हैं। वे कहते हैं कि मेरा रा हिंदुत्व बाला साहेब ठाकरे से अलग है। खैर, आपका हिंदुत्व घंटियां और बर्तन बजाने वाला है। हमारा हिंदुत्व वैसा नहीं है।' सुशांत मामले पर उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मेरे बेटे को इस मामले पर जानकर बदनाम किया गया।'