राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत भाजपा को मिलेंगे चार नए प्रदेश अध्यक्ष, मनोज सिन्हा यूपी की दौड़ में आगे
नई दिल्ली- बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा चार राज्यों में नए अध्यक्ष (President) बनाए जाने हैं। इन सभी जगहों के मौजूदा अध्यक्ष लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और वे नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार में मंत्री बनाए जा चुके हैं। बीजेपी (BJP) में 'एक व्यक्ति, एक पद' (One Man,One Post) का नियम है। यानी कोई भी आदमी एक साथ पार्टी और सरकार दोनों जगह की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकता। लिहाजा, जैसे अमित शाह (Amit Shah) के गृहमंत्री (Home Minister) बनाए जाने की चर्चा हो रही है, वैसे ही उन चार बड़े राज्यों में भी नए अध्यक्ष बनाए जाने हैं। इनमें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भी शामिल है, जहां के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।
इन चार राज्यों में नए बीजेपी अध्यक्षों की तलाश
हाल में हुए लोकसभा चुनाव (Lok sabha elections 2019) में यूपी (Uttar Pradesh),बिहार (Bihar),तेलंगाना (Telangana) और महराष्ट्र (Maharashtra) के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष सांसद चुन लिए गए हैं और वे सभी मंत्री बनाए गए हैं। पार्टी में सांसदों और विधायकों को तो संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है, लेकिन मंत्रियों को संगठन में कोई भी पद नहीं दिया जाता। मसलन, यूपी बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे (Mahendra Nath Pandey) पिछली मोदी सरकार में मंत्री थे। लेकिन, जब उन्हें यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया, तो उन्हें मंत्री का पद छोड़ना पड़ा।
ये नाम हैं दौड़ में आगे
बिहार (Bihar) बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय (Nityanand Rai) केंद्रीय गृह राज्यमंत्री का जिम्मा संभाल चुके हैं। राय यादव जाति के हैं। इसलिए चर्चा है कि उनकी जगह किसी अपर कास्ट के नेता को प्रदेश यूनिट की नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इस सोच के मुताबिक पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह (Radhamohan Singh) का नाम आगे है, जो राजपूत हैं। क्योंकि, नित्यानंद राय (Nityanand Rai) से पहले यह जिम्मेदारी मंगल पांडे के पास थी, जो ब्राह्मण हैं। वैसे, बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों और उससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के तेवरों को देखकर हो सकता है कि बीजेपी (BJP) फिर से कोई पिछड़ा कार्ड चलने की कोशिश करे। उधर तेलंगाना (Telangana) बीजेपी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) को भी नित्यानंद राय (Nityanand Rai) के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का डिप्टी बनाया गया है। पार्टी को वहां के लिए भी नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश है, जहां उसे इसबार 4 सीटें मिली हैं। महाराष्ट्र (Maharashtra) बीजेपी के अध्यक्ष राव साहब दानवे (Raosaheb Danve) केंद्रीय उपभोक्ता राज्यमंत्री बनाए गए हैं। कुछ ही महीनों में वहां विधान सभा चुनाव होने हैं, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि अभी वो कुछ महीने और संगठन में भी बने रहेंगे या किसी दूसरे नेता को प्रदेश बीजेपी की कमान दी जाती है।
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यूपी में मनोज सिन्हा का नाम रेस में सबसे आगे
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) दोनों के चहेते माने जाते हैं। यह बात तय है कि अगर इसबार भी वे यूपी की गाजीपुर (Ghazipur) सीट से जीत जाते, तो मोदी उन्हें अपने मंत्रिपरिषद में जगह जरूर देते। इसलिए, अब माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें महेंद्र नाथ पांडे (Mahendra Nath Pandey) की जगह यूपी बीजेपी (UP BJP) का नया अध्यक्ष बना सकती है। मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) के नाम की गुंजाइश इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि वे भूमिहार है और बिहार में किसी भूमिहार के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा नहीं है। पार्टी अक्सर दोनों राज्यों में इस तरह के जातीय समीकरणों का ख्याल रखने की कोशिश करती है। अगर जातीय गणित पर नजर डालें तो प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी राजपूत के पास है और महेंद्र नाथ पांडे (ब्राह्मण) केंद्र में मंत्री बन चुके हैं, तो जातीय गणित के हिसाब से मनोज सिन्हा स्वाभाविक पसंद हो सकते हैं। यूपी में भूमिहारों की आबादी 2.5 फीसदी है और इससे पहले भूमिहार जाति के ही सूर्य प्रताप शाही भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
राठौड़ को मिल सकती है राजस्थान की जिम्मेदारी
बीजेपी (BJP) के जिस सांसद को मोदी की नई सरकार में जगह नहीं दी गई, उनमें से एक सबसे चौंकाने वाला नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore) का है। लेकिन, अब चर्चा है कि पार्टी उनके यूवा नेतृत्व का इस्तेमाल राजस्थान (Rajasthan) में पार्टी संगठन को संभालने के लिए कर सकती है। दरअसल, पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले ही अमित शाह वहां गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhra Raje) के अड़ियल रवैये के कारण उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े। अब शेखावत केंद्र में मंत्री बन चुके हैं, ऐसे में संभावना है कि पार्टी मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी (Madan Lal Saini) की जगह राठौड़ को ही यह नई जिम्मेदारी सौंप सकती है।
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