BJP के बढ़ते जनाधार से विपक्ष ही नहीं चीन के नेता भी परेशान हैं, जानिए क्यों
नई दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते जनाधार ने चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के नेताओं को भी सोचने को मजबूर कर दिया है। बीजेपी के दावों पर यकीन करें तो मौजूदा समय में उसके सदस्यों की संख्या चीन की इकलौती दबदबे वाली पार्टी सीपीसी के सदस्यों की संख्या से लगभग दो गुनी हो चुकी है। ऐसे में चीनी सरकार के नेता ये सोचने को मजबूर हो गए हैं कि जब उनके यहां किसी दूसरी पार्टी का कोई वजूद नहीं है, तब भारत में हजारों पार्टियों की मौजूदगी के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की सदस्य संख्या उससे डबल कैसे हो गई। यह बात तब सामने आई, जब भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में चीन के दौरे पर गया था।
बीजेपी की सदस्य संख्या सुनकर चीन हैरान
बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में चीन के दौरे से लौटा है। द प्रिंट में छपी एक खबर के मुताबिक जब बीजेपी के नेता कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अधिकारियों से मिले, तब पार्टी के सदस्यों की संख्या के बारे में सुनकर उनके मन में बीजेपी के संगठन और मेंबरशिप स्ट्रक्चर को लेकर बहुत सारे सवाल पैदा हो गए। वह जानना चाह रहे थे कि पिछले पांच साल में बीजेपी ने संगठन को कैसे मजबूत किया है? चुनावों में पार्टी अपनी मशीनरी का इस्तेमाल कैसे करती है? और सबसे बड़ी बात कि बीजेपी मेंबरशिप ड्राइव कैसे चलाती है, जिसने उसे बहुत ही पीछे छोड़ दिया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल बीजेपी के एक नेता के मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि, 'जब हमने उन्हें बताया कि हमारी पार्टी के सदस्यों की संख्या उनसे ज्यादा है तो वे बहुत ज्यादा हैरान हो गए। वे जानना चाहते थे कि हमने पार्टी को कैसे खड़ा किया है, विशेष तौर पर पिछले पांच वर्षों में....' इस दौरान बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से लिखा गया एक खत भी सौंपा।
सीपीसी के नेता भी भारत आएंगे
26 अगस्त से 1 सितंबर के बीच चीन के दौरे पर गए बीजेपी के 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई पार्टी महासचिव अरुण सिंह ने की। बीजेपी नेताओं ने बताया कि चीन में न तो चुनाव होते हैं और न ही कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना को कोई चुनाव लड़ना पड़ता है। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में बीजेपी का जनाधार जिस प्रकार से बढ़ा है, उसके बारे में वो जानना चाहते हैं। उनके मुताबिक जैसे ही उन्हें हमने अपने 18 करोड़ सदस्य होने की जानकारी दी वे हैरत में पड़ गए। बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने चीन में सत्ताधारी दल के साथ कई स्तर पर चर्चा की और कई नेताओ से मुलाकात की। सीपीसी के जिन सदस्यों से बीजेपी नेताओं ने मुलाकात की उनमें सीपीसी स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य ये जेन्क्विन, सीपीसी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उपमंत्री गुओ येजहु और अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख सॉन्ग ताओ शामिल हैं। दोनों दलों के नेताओं ने आपसी बातचीत में दोनों देशों के बीच पार्टी से पार्टी के स्तर पर लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी जोर दिया। जानकारी के मुताबिक कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना का भी एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही भारत दौरे पर आएगा।
2015 में ही बीजेपी ने सीपीसी को पीछे छोड़ दिया था
दरअसल, बीजेपी ने सदस्य संख्या के मामले में 2015 में ही कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना को पीछे छोड़ दिया था। तब पार्टी के मुताबिक उसके साथ 8.8 करोड़ सदस्य जुड़े हुए थे और वह दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी थी। जबकि, वर्तमान में भाजपा दावा कर रही है कि उसके सदस्यों की संख्या 18 करोड़ को छू चुकी है। जबकि, सीपीसी के सदस्यों की संख्या पिछले साल तक महज 9 करोड़ से ही कुछ ज्यादा था। चीन के नेताओं के लिए हैरानी की यही बात है कि 140 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या और अकेली पार्टी होने के बावजूद, भारत में बीजेपी के मेंबर उससे कहीं ज्यादा हैं, जबकि यहां हजारों रजिस्टर्ड राजनीतिक पार्टियां मैदान में हैं। गौरतलब है कि भारत अभी भी जनसंख्या के मामले में पीछे है और फिलहाल देश की आबादी तकरीबन 130 करोड़ बताई जाती है।
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