यूपी में बीजेपी ने की उपचुनाव जीतने की तैयारी, इन मंत्रियों को मिला अलग-अलग सीटों का जिम्मा
नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 12 सीटों पर नवंबर में उपचुनाव होने की संभावना है। इसी उपचुनाव के मद्देनजर मायावती ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अब बीजेपी भी इन चुनावों के लिए ऐक्शन मोड में आ गई है। पार्टी ने हर हाल में यह चुनाव जीतने के लिए बाकायदा अपने मंत्रियों को भी अभी से एक-एक सीट देकर ड्यूटी पर जुट जाने के लिए कह दिया है। कुल 12 सीटें जीतने के लिए प्रदेश के 13 मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। इसका कारण ये है कि इस साल के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने महागठबंधन के होते हुए भी राज्य में जो शानदार प्रदर्शन किया है, उस ऊर्जा को भारतीय जनता पार्टी किसी भी सूरत में कम नहीं होने देना चाहती है।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और केशव मौर्य के जिम्मे ये सीटें
भारतीय जनता पार्टी यूपी में विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए भी अभी से कितनी संजीदा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दो डिप्टियों को भी मैदान में उतरने के लिए कहा गया है। इनमें उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सपा सांसद आजम खान की रामगढ़ सीट दी गई है, तो दूसरे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कानपुर की गोविंदनगर सीट फतह करने के लिए कहा गया है। इन मंत्रियों को तुरंत उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाना है।
योगी के किस मंत्री को मिली कहां की जिम्मेदारी?
राजधानी लखनऊ की कैंट सीट चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, फिरोजाबाद की टुंडला सीट ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, बाराबंकी की जैदपुर सीट दारा सिंह चौहान, सहारनपुर की गंगोह सीट पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र चौधरी, अलीगढ़ की इगलास सीट गन्ना मंत्री सुरेश राणा, चित्रकूट की मानिकपुर सीट ग्राम विकास मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह, हमीरपुर सीट रणवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह और प्रतापगढ़ सीट स्वतंत्र देव सिंह को सौंपी गई है। इन सभी मंत्रियों को अगले हफ्ते से उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाने को कहा गया है और इस दौरान उन्हें सदस्यता बढ़ाने में भी योगदान देने के लिए कहा गया है।
इसे भी पढ़ें- अखिलेश यादव पर तीखे हमले के बाद अब मायावती ने लिया एक और बड़ा फैसला
बलहा सीट पर दो मंत्रियों की ड्यूटी
लगता है कि भारतीय जनता पार्टी यूपी के बहराइच की बलहा सीट जीतने पर बहुत ध्यान दे रही है। इस सीट को जीतने का काम कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी जैसे दो मंत्रियों को सौंपा गया है। गौरतलब है कि इन सभी 12 विधानसभा सीटों पर प्रदेश के मंत्रियों के साथ-साथ पार्टी के एक-एक प्रदेश पदाधिकारियों को भी काम पर लगाया गया है।
विधायक से सांसद बनने वालों की भी तैनाती
जिन 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें से रामपुर और अंबेडकरनगर विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें बीजेपी के तत्कालीन विधायकों ने ही जीती हैं। इसलिए पार्टी ने उन नव-निर्वाचित सांसदों को अपने द्वारा छोड़ी गई विधानसभा सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव जितवाने का खास भार सौंपा है। मसलन, इलाहाबाद की सांसद रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ कैंट, कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी को कानपुर की ही गोविंदनगर, हाथरस के सांसद राजवीर सिंह को इगलास, बाराबंकी से सांसद उपेंद्र रावत को जैदपुर, कैराना से सांसद प्रदीप चौधरी को सहारनपुर की गंगोह, बांदा से सांसद आरके सिंह पटेल को चित्रकूट की मानिकपुर सीट, प्रतापगढ़ से सांसद संगम लाल गुप्ता को प्रतापगढ़, आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल को टुंडला, बहराइच से सांसद अक्षयवर लाल गौड़ को बलहा यानी उनकी पुरानी विधानसभा सीट पर पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी होगी।
इसे भी पढ़ें- शत्रुघ्न सिन्हा की पीएम से अपील, बिहार को आपके कुशल मार्गदर्शन की जरूरत