ABC फॉर्मूले से राजस्थान में सत्ता बदलने का ट्रेंड बदलने की तैयारी में भाजपा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित तीन बड़े राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होनें हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पिछले 15 साल से पार्टी लगातार सत्ता में है लेकिन राजस्थान में पार्टी ने पिछली बार कांग्रेस को उखाड़ कर सत्ता हासिल की थी। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत को लकेर बीजेपी आश्वस्त दिखती है लेकिन राजस्थान में फिलहाल हवा उसके खिलाफ बहती दिख रही है। पार्टी वहां लहर को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए इस वक्त पूरा जोर लगा रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश में गौरव यात्रा के जरिए अपना और पार्टी का रानीतिक गौरव बचाने की कोशिश में है। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी हाल ही में रैली कर जीत का दावा कर चुके हैं। लेकिन पार्टी को पता है कि उसके लिए राजस्थान में राह आसान नहीं है और अगर नतीजा उसके खिलाफ आया तो ये 2019 के लोकसभा चुनावों पर भी असर डालेगा।
बदल रही रणनीति
पार्टी राजस्थान में अब अपनी रणनीति बदल रही है। वो जीत की संभवनाओं को बेहतर करने के लिए अब निर्वाचन क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग रणनीति तैयार कर रही है। इस तरह से वो तय कर पाएगी कि उसे किस इलाके में किस सीट पर कितनी मेहनत करनी है।
ए, बी और सी श्रेणी
बीजेपी
ने
राज्य
में
कुल
200
विधानसभा
क्षेत्रों
को
तीन
श्रेणियों
ए,
बी
और
सी
में
विभाजित
किया
है।
ए
श्रेणी
में
उन
विधानसभा
सीटों
को
रखा
गया
है
जहां
पर
पार्टी
मजबूत
है
और
पार्टी
को
जीत
का
पूरा
भरोसा
है।
बी
श्रेणी
में
ऐसे
क्षेत्र
शामिल
हैं
जहां
किसी
की
भी
पार्टी
की
जीत
हो
सकती
है।
जबकि
सी
श्रेणी
में
वो
विधानसभा
क्षेत्र
रखे
गए
हैं
जहां
पार्टी
के
चुनाव
जीतने
की
संभावना
कम
है।
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लोकसभा
चुनाव
2019
में
भाजपा
को
हराने
के
लिए
कांग्रेस
ने
त्रिमूर्ति
को
सौंपी
अहम
जिम्मेदारी
जीत और हार पर नजर
बीजेपी सूत्रों ने कहा है कि पार्टी ने जो श्रेणियां बनाई हैं उनमें से लगभग 70 से 80 सीटें ऐसी हैं जहां पार्टी बहुत मजबूत है और चुनाव हारने की बहुत कम संभावना है। दूसरी श्रेणी की सीटें लगभग 100 हैं जहां बीजेपी ने विभिन्न अवसरों पर चुनाव जीते और हारे हैं। इनमें से कुछ सीटों पर पार्टी काफी कम अंतर के साथ जीती और हारी थी। सी श्रेणी के तहत लगभग 20 सीटें आती हैं जहां बीजेपी के उम्मीदवार पिछले दो-तीन चुनावों में लगातार हारे हैं।
फीडबैक के आधार पर रणनीति
बीजेपी
नेताओं
का
कहना
है
कि
ये
नई
रणनीति
पिछले
चुनाव
रिकॉर्ड
और
जमीनी
स्तर
पर
पार्टी
के
कार्यकर्ताओं
और
दूसरे
संगठनों
की
फीडबैक
के
आधार
पर
बनाई
गई
है।
हालांकि,
पार्टी
ने
अभी
तक
एक
व्यापक
सर्वेक्षण
नहीं
किया
है।
बीजेपी
नेता
ने
कहा
कि
पार्टी
सी
श्रेणी
को
बी
श्रेणी
में
और
बी
श्रेणी
की
सीटों
को
ए
श्रेणी
में
बदलना
चाहती
है।
राज्य
में
पार्टी
पहले
से
ही
अपनी
बूथ
प्रबंधन
की
रणनीति
पर
काम
कर
रही
है
जो
इसकी
सफलता
के
लिए
अहम
होगी।
पार्टी
राजस्थान
चुनावों
में
जातीय
और
क्षेत्रीय
समीकरण
के
हिसाब
से
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी,
पार्टी
अध्यक्ष
अमित
शाह
और
अन्य
केंद्रीय
मंत्रियों
की
जनसभाएं
कराएगी।
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