एक और मुश्किल में फंसे अशोक गहलोत, BSP विधायकों के विलय का मामला कोर्ट लेकर पहुंची BJP
जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के नोटिस पर स्टे लगा दिया है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी के एक विधायक ने राजस्थान हाईकोर्ट में बीएसपी के कांग्रेस में विलय को लेकर एक याचिका दायर की है।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदन दिलावर ने अदालत में इस मामले में याचिका दायर की है।
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कांग्रेस में BSP के विधायकों के विलय को चुनौती
अब इस मामले पर सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश महेन्द्र गोयल बसपा के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने पर सुनवाई करेंगे। मदन दिलावर ने दायर की अपनी इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष की 'निष्क्रियता' को भी चुनौती दी गई है। मदन दिलावर ने हाईकोर्ट याचिका देते हुए अपील की है कि बीएसपी के इन 6 विधायकों के कांग्रेस के साथ हुए विलय को रद्द किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की भी भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
विलय मामले में सोमवार को सुनवाई
दिलावर ने याचिका में कहा कि, स्पीकर ने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने के उनके अनुरोध पर कोई निर्णय नहीं लिया है। कोर्ट ने फिलहाल बीजेपी विधायक की इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने का फैसला किया है। आपको बता दें कि सितंबर 2019 में बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने तब कहा था कि सभी विधायकों का कांग्रेस में विलय पत्र मिल चुका है। ऐसे में किसी प्रकार की कानूनी अड़चन नहीं है।
कांग्रेस-बीएसपी के संबंध बिगड़े
बता दें कि, विधायकों टूटकर कांग्रेस में शामिल होने की बात से बीएसपी सुप्रीमो मायावती बहुत नाराज हुईं और उन्होंने कांग्रेस को धोखेबाज पार्टी कह डाला था। इसी के बाद से ही बीएसपी और कांग्रेस के संबंध और ज्यादा बिगड़ गए। मायावती ने ट्वीट किया था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टैप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।
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