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महाराष्ट्र - हरियाणा में कमल खिलते ही टेंशन में आए ये दिग्गज!

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बैंंगलोर। नरेन्द्र मोदी की लहर का इफेक्ट हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव परिणामों में साफ दिख रहा। हुड्डा हुड़ हुड़ करके फु्र्र हो गए तो शिव सेना की तीसरी आंख खोलने के बाद चुपचाप बंद कर ली है और भाजपा से गठबंधन की तैयारी कर ली है। ऐसे में एक बात तो बिल्कुल साफ है कि देश की जनता की पसंद सिर्फ एक है - भाजपा। पर भाजपा का बढ़ता अब कई राज्यों के दिग्गजों की बीपी गोलियों का डोज़ बढ़ा रहा है।

जम्मू - कश्मीर, बिहार, झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां के कद्दावर चेहरों पर अब चिंता दिख रही है। वहीं पश्चिम बंगाल, मणिपुर, उत्तराखंड और यूपी के चुनाव में काफी वक्त पर यहां के दिग्गज चेहरे भी हरियाणा - महाराष्ट्र से सीख लेकर खुद को संभालने में लगे हैं। देखिये कौन से दिग्गज अपनी बीपी दवाओं का डोज़ बढ़ा रहे हैं।

उखड़ जाएगी उमर का सत्ता?

उखड़ जाएगी उमर का सत्ता?

उमर अबदुल्ला और उनके पिता ने कश्मीर को काफी समय तक संभाल कर रखा है। और कश्मीर के लिए उनकी चिंता आए दिन उन्होंने केंद्र को जताई है। अभी हाल ही में बाढ़ त्रासदी से जूझ रहे कश्मीर को वापस बचाने के लिए उन्होंने केंद्र से स्पेशल पैकेज भी मांगा है। पर नरेन्द्र मोदी का कश्मीर दौरे पर वादी में जो वादे करके आए हैं वो भी जनता ने सराहे। क्या कश्मीर की जनता उमर के साथ वफा करेगी यह सवाल अब उमर के जी का जंजाल बन गया है।

सिमट सकते हैं सोरेन

सिमट सकते हैं सोरेन

शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन की लाख कोशिशें एक तरफ और झारखंड का घटता विकास दर एक तरफ। न ही हेमंत झारखंड को स्पेशल स्टेटस दिला पाए हैं न ही कोई अन्य बड़ी उपलब्धि उनके शासन में रही है। झारखंड दिवस पर अपनी उपलब्धियों का पिटारा गिनाने पर वे हंसी के पात्र भी बन चुके हैं। ऐसे में भाजपा के लिए स्वच्छ झारखंड अभियान ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।

निपट जाएगा नीतीश का साम्राज्य

निपट जाएगा नीतीश का साम्राज्य

नीतीश कुमार को बिहार का सिंहासन मिलते ही उन्होंने काफी अच्छा काम किया। लेकिन नरेन्द्र मोदी के पीएम प्रोजेक्ट होते ही उन्होंने सीधा मोदी पर अटैक करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं तथाकथित थर्ड पार्टी के जनक भी वही थे। पर लोकसभा की करारी हार के बाद उनके इस्तीफे ने सारा खेल पलट दिया। मांझी को गद्दी सौंपना भी उनको महंगा पड़ा। अब नीतीश का सियासी करियर विधानसभा चुनाव पर टिका है पर अगर मोदी ने उन्हें समेट दिया तो...

दीदी दिखा पाएंगी दम?

दीदी दिखा पाएंगी दम?

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी एकला चॉलो का राग लेकर काफी खुश हैं पर नरेन्द्र मोदी की लहर का दबाव उनको भी झेलना पड़ेगा। पिछले कुछ दिन वैसे भी पश्चिम बंगाल के लिए अच्छे नहीं रहे हैं। ऐसे में गीर के गुर्राते सिंह मोदी और बंगाल की टाइगर ममता में मुकाबला बहुत दिलचस्प होगा। ममता को यह भी नहीं भूलना कि फिलहाल इस सियासी जंगल के सिंहम मोदी ही लग रहे हैं।

हारेंगे हरीश तो कहां जाएगी कांग्रेस

हारेंगे हरीश तो कहां जाएगी कांग्रेस

उत्तराखंड में कांग्रेस की स्थिति वैसे तो मज़बूत रही है पर पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस ने अपने लिए केवल गड्ढे ही खोदे हैं। और भाजपा भी उत्तराखंड की 40 से 45 प्रतिशत जनता पर अपनी गहरी पकड़ रखती है। ऐसे में अगर थोड़ी सी भी मेहनत भाजपा ने कर ली तो उत्तराखंड में कांग्रेस का दफन होना तय है।

इबोबी सिंह पर कांग्रेस की आस

इबोबी सिंह पर कांग्रेस की आस

मणिपुर भी यूं तो कांग्रेस का गढ़ रहा है। पर कांग्रेस के समय नॉर्थ ईस्ट में बढ़ी हिंसा इबोबी को टेंशन दे रही है। राहुल की रैलियां भी यहां ज्यादा कमाल नहीं कर पाईं हैं। ऐसे में मणिपुर को सियासत का नया केसरिया फ्लेवर चखने का मन अगर कर गया तो कांग्रेस का खेल खत्म है।

अकल'मंद' हैं अखिलेश?

अकल'मंद' हैं अखिलेश?

अखिलेश यादव ने अपनी विदेश डिग्री के बारे में जितनी बात की उतना इस्तेमाल वे नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने एक पर एक गल्तियां की हैं। मुज़फ्फरपुर दंगों से लेकर सहारनपुर और सैफई महोत्सव तक सब उनकी गल्तियों का पिटारा है। ऐसे में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह इस समय अखिलेश की मुश्किल बढ़ा दी।

Comments
English summary
BJP's clean sweep in Haryana and a good score in Maharashtra has already built frowning moments for some top leaders.Will BJP wave uproot the political careers of these leaders?
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