Municipal Elections: केटीआर राव का भाजपा पर तंज, बोले- चुनाव में BJP के दोस्त ट्रंप भी आ सकते हैं
नई दिल्ली। तेलंगाना में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। इसी क्रम में आज केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तेलंगाना में विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमला बोला। स्मृति ईरानी के बयान पर पलटवार करते हुए तेलंगाना के मंत्री केटीआर राव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। केटीआर राव ने कहा कि बीजेपी स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं करती, उसे राजनीति के लिए बस आदिकालीन, धार्मिक और सांप्रदायिक पर घृणा की बात करना आता है।
केटीआर राव ने आगे कहा, 'भाजपा स्थानीय मुद्दों पर बोलना पसंद नहीं करती। इसलिए वह आदिकालीन, धार्मिक और सांप्रदायिक घृणा की बात करती है। वे अकबर, बाबर और बिन लादेन के बारे में बात करते हैं, मुझे समझ नहीं आता कि जब हैदराबाद के मतदाता बीजेपी वोटर नहीं हैं तो भारतीय जनता पार्टी के नेता उनकी बात क्यों करते हैं।' मंत्री ने आगे कहा, ये लोग (भाजपा) भूल गए हैं कि यह 'गली चुनाव' है। दिल्ली से नेता आ रहे हैं, अंतर्राष्ट्रीय नेता भी आ सकते हैं। ट्रंप साहब भी आ सकते हैं क्योंकि वे उनके दोस्त हैं। हमें सिर्फ हैदराबाद की जनता का आशीर्वाद चाहिए।
These people (BJP) have forgotten that this is 'gali election'. Leaders from Delhi are coming, international leaders might also come. Trump Sahab may also come as he is their friend. We just need blessings of the public of Hyderabad: KTR Rao on Hyderabad Civic Polls. #Telangana https://t.co/dTGJ0Gn3fJ
— ANI (@ANI) November 25, 2020
स्मृति
ईरानी
ने
क्या
कहा?
बुधवार
को
मीडियाकर्मियों
को
दिए
एक
बयान
में
स्मृति
ईरानी
ने
आरोप
लगाया
कि
दोनों
ही
पार्टियां
अवैध
घुसपैठियों
के
साथ
खड़ी
है
ताकि
उनसे
राजनीतिक
फायदा
उठाया
जा
सके।
स्मृति
ईरानी
ने
आगे
कहा,
'हमारे
सैनिक
हमारी
सीमाओं
को
सुरक्षित
रखने
के
लिए
अथक
संघर्ष
कर
रहे
हैं।
और
यहां
इस
ऐतिहासिक
शहर
हैदराबाद
में,
एआईएमआईएम
और
टीआरएस
अवैध
प्रवासियों
को
तेलंगाना
की
मतदाता
सूची
में
जगह
देने
के
लिए
मिलकर
काम
कर
रहे
हैं।
उन्हें
इसके
लिए
लोगों
को
जवाब
देना
होगा।'
बीजेपी
नेता
ने
कहा,
यदि
कोई
राज्य
सरकार
यह
सुनिश्चित
करने
के
लिए
कदम
उठाती
है
कि
महिलाओं
को
आपराधिक
और
धोखेबाज
रिश्तों
में
नहीं
डाला
जाए,
तो
क्या
इस
फैसले
को
भारतीयों
का
समर्थन
नहीं
मिलना
चाहिए?
मेरी
अपील
है
कि
लोग
इसे
सही
दृष्टिकोण
से
देखें।
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