'वंदे मातरम पर सियासत': खड़ी नहीं हुईं मेयर, बीजेपी ने किया बवाल
वहीं मेयर बनीं बीएसपी की सुनीता वर्मा ने साफ कह दिया था कि सदन की कार्यवाही में वंदे मातरम नहीं है, इसलिए वह इसे नहीं गाएंगी
नई दिल्ली। वंदे मातरम का मुद्दा एक बार फिर से तूल पकड़ता नजर आ रहा है। ये मुद्दा फिर उत्तर प्रदेश के मेरठ से उठा है। मेरठ नगर निगम में मंगलवार को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सदन में उस वक्त बवाल मच गया जब बीएसपी मेयर सुनीता वर्मा वंदे मातरम के दौरान बैठी रहीं। वहां शपथ ग्रहण समारोह वन्देमातरम गायन के साथ शुरू हुआ तो नई मेयर सुनीता वर्मा और बीएसपी के पार्षद बैठे रहे। इसके विरोध में बीजेपी पार्षदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते दोनों तरफ से नारेबाजी होने लगी। जब इस मामले को लेकर सुनीता वर्मा से सवाल किया गया तो उनका जवाब था विकास की बात कीजिए, मेरा ध्यान मत भटकाइये।
इससे पहले सुनीता वर्मा के खड़े ना होने की वजह से बीजेपी और बीएसपी पार्षद आमने-सामने आ गए थे। बता दें कि टाउन हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत में वंदेमातरम के दौरान महापौर सुनीता वर्मा और बीएसपी पार्षदों के बैठे रहने से बीजेपी पार्षद भड़क गए और बीएसपी का विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। बीजेपी के इस कदम पर बीएसपी और मुस्लिम पार्षदों की तरफ से जयभीम और अल्लाहुअकबर के नारे लगाए गए। इससे पहले शपथ स्थल पर बीएसपी के होर्डिंग और फ्लैक्स लगे देख बीजेपी ने विरोध कर दो फ्लैक्स फाड़ दिए। इसको लेकर भी दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। शपथ ग्रहण हंगामे के बीच ही पूरा हुआ। बीजेपी महानगर अध्यक्ष ने नगर विकास आयुक्त लखनऊ को वंदेमातरम के गान में शामिल नहीं होने पर मेयर की शिकायत भेजी है। मेयर सुनीता वर्मा का कहना है कि वंदेमातरम आज के प्रोग्राम की प्रोसिडिंग का हिस्सा ही नहीं था। बैठक में वंदेमातरम का गान नगर निगम अधिनियम में भी नहीं है।
वहीं मेयर बनीं बीएसपी की सुनीता वर्मा ने साफ कह दिया था कि सदन की कार्यवाही में वंदे मातरम नहीं है, इसलिए वह इसे नहीं गाएंगी। जब मंगलवार को टाउन हॉल में शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ तो सबसे पहले वंदे मातरम गाया गया। इस दौरान बीजेपी पार्षद तो खड़े हो गए, लेकिन मेयर सुनीता वर्मा और बसपा पार्षद बैठे रहे। इसके बाद बीजेपी पार्षदों ने सदन के अंदर और समर्थकों ने बाहर जमकर नारेबाजी की। बीजेपी नेताओं ने बीएसपी मेयर की होर्डिग फाड़ दी और बसपा विरोधी नारे लगाते रहे, जिसके विरोध में बसपा पार्षद भी जवाबी नारेबाजी करते रहे। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
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